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अल सिस्तेमा, वेेनेजुएला की सांस्कृतिक-सामाजिक परिघटना पर विडियो व्याख्यान

देहरादून, 23 सितम्बर। दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से आज केन्द्र के सभागार में और फिल्म के जानकार निकोलस ने अपने वीडियो व्याख्यान में अल सिस्तेमा, वेेनेजुएला की सांस्कृतिक-सामाजिक परिघटना पर प्रस्तुति दी। व्याख्यान में निकोलस ने बताया कि एल सिस्तेेमा का अर्थ है एक प्रणाली। जो एक सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित, स्वैच्छिक क्षेत्र, संगीत-शिक्षा कार्यक्रम है, जिसकी स्थापना 1975 में वेनेजुएला में वेनेजुएला के शिक्षक, संगीतकार और कार्यकर्ता जोस एंटोनियो अब्रू ने की थी।

बाद में इसने सामाजिक परिवर्तन के लिए संगीत का नारा अपनाया।एल सिस्टेमा-प्रेरित कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय जर्नल ऑफ एप्लाइड साइकोएनालिटिक स्टडीज़ द्वारा वर्णित के रूप में गरीब बच्चों के लिए मानव अवसर और विकास को बढ़ावा देने वाली निरूशुल्क शास्त्रीय संगीत शिक्षा प्रदान करते हैं।

उन्होने आगे जानकारी दी कि एल सिस्टतेमा ने 60 से अधिक अन्य देशों में समान कार्यक्रमों को प्रेरित किया है। 2015 तक, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, एल सिस्टेमा में 400 से अधिक संगीत केंद्र और 700,000 युवा संगीतकार शामिल थे।वेनेजुएला में मूल कार्यक्रम में प्रति सप्ताह चार बाद के स्कूल के घंटे संगीत प्रशिक्षण और अभ्यास शामिल हैं, साथ ही सप्ताहांत में अतिरिक्त काम भी शामिल है।

अब्रू का मानना था कि संगीत को उच्चतम अर्थ में सामाजिक विकास के एजेंट के रूप में मान्यता देनी होगी क्योंकि यह उच्चतम मूल्यों – एकता, सहयोग और सामाजिक एकता को प्रसारित करता उनके अनुसार संगीत एक पूरे समुदाय को एकजुट कर सकता है और शानदार भावनाओं को व्यक्त कर सकता है। उल्ेखनीय है कि एल सिस्तेेमा का एक महत्वपूर्ण उत्पाद सिमोन बोलिवर सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा है। 1990 के दशक के मध्य में, अब्रू ने नेशनल चिल्ड्रन यूथ ऑर्केस्ट्रा का गठन किया, और कई युवा संगीतकारों ने सिमोन बोलिवर में स्नातक किया।

विविध विडियो चित्रण के माध्यम से निकोलस ने महत्वपूर्ण बिन्दु पर जानकारी प्रदान की.कार्यक्रम से पूर्व हाल ही में दिवंगत साहित्यकार विजय गौड़ को भी याद किया।

कार्यक्रम के अन्त में लोगों ने सवाल-जबाब भी प्रस्तुत किये। इस अवसर पर प्रवीन भट्ट, विनोद सकलानी, अरुण कुमार, सुन्दर सिंह,हिमांशु आहूजा, मेघा, अपर्णा वर्धन,शहर के कई संगीत प्रेमी, सामाजिक चिंतक, लेखक व आम पाठक उपस्थित थे।

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