उत्तराखंड में एक और आंदोलन की बज उठी रणभेरी
By – Trilochan Bhatt
सुबह 10 बजे से ही पहाड़ों से आये हुए और देहरादून में रहने वाले हजारों लोग परेड ग्राउंड की तरफ निकल पडे़ थे। 11 बजते-बजते करीब 10 हजार लोग परेड ग्राउंड के बाहर सड़क पर जमा हो गये। एक सौ से ज्यादा जन संगठनों के लोग रैली में मौजूद थे। पहाड़ के परंपरागत ढोल दमाऊं की थाप के साथ कुछ लोग परेड ग्राउंड पहुंचे तो कुछ मसलकबीन के साथ।
कुछ लोगों के पास घंटे घड़ियाल थे तो कुछ ढपली की थाप पर जनगीत गा रहे थे। परेड ग्राउंड के चारों तरफ मानों जन सैलाब उमड़ पड़ा था। सभी विपक्षी दलों के लोग भी इस रैली में नजर आये। उनमें यूकेडी के लोग भी थे और कांग्रेस के भी। वामपंथी पार्टियों ने कुछ मसलों को लेकर सवाल उठाये थे। इन पार्टियों से जुड़े लोग हालांकि पार्टी स्तर पर इस रैली में शामिल नहीं थे। लेकिन बाहरी और भीतरी जैसे मसले पर मतभेद के बावजूद इन पार्टियों और इनके संगठनों से जुड़े लोग व्यक्तिगत रूप से रैली में शामिल हुए।
रैली परेड ग्राउंड से चलकर तिब्बती मार्केट, दून चौक, गांधी रोड होते हुए कचहरी स्थित शहीद स्मारक पहुंची। शहीद स्मारक पर एक सभा का आयोजन किया गया। यहां विभिन्न संगठनों के लोगों ने इस आंदोलन को आगे बढ़ाने की बात कही। यहां उप्रेती बहनों और पांडवाज ग्रुप ने आंदोलन के समर्थन में गीत प्रस्तुत किये। जन संवाद समिति की ओर से जनगीतों की प्रस्तुति भी दी गई।