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उत्तराखण्ड शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार से 16 शिक्षक सम्मानित

 

देहरादून, 5 सितम्बर । शिक्षक दिवस के अवसर पर शुक्रवार, 5 सितंबर 2025 को राजभवन में ‘‘शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार’’ सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि), मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने वर्ष 2024 के लिए चयनित 16 शिक्षकों को सम्मानित किया। इस वर्ष 09 प्रारम्भिक शिक्षक, 05 माध्यमिक शिक्षक, 01 शिक्षक प्रशिक्षक और 01 संस्कृत शिक्षक को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया।

राज्यपाल का संदेश: बच्चों में संस्कार और रचनात्मकता को बढ़ावा दें

राज्यपाल ने पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान पूरे शिक्षक समुदाय की मेहनत और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने शिक्षकों को न केवल ज्ञान प्रदान करने वाला, बल्कि चरित्र, नैतिकता और जीवन मूल्यों का निर्माता बताया। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत विकसित करें और उन्हें खेल, संस्कृति और रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ें।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार तक सीमित नहीं होना चाहिए। शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को संस्कारवान, जिम्मेदार और राष्ट्रभक्त नागरिक बनाएं। उन्होंने विश्वास जताया कि वर्ष 2047 तक भारत को विश्वगुरु बनाने में शिक्षकों का योगदान महत्वपूर्ण होगा। साथ ही, उन्होंने उत्तराखण्ड की समृद्ध शैक्षिक परंपरा को और मजबूत करने का आह्वान किया।
आज के डिजिटल युग में बच्चों को भटकाव से बचाने और उनमें विवेकपूर्ण जीवन-दृष्टि विकसित करने की जिम्मेदारी भी शिक्षकों पर है।

मुख्यमंत्री: शिक्षक विद्यार्थियों के भविष्य के निर्माता

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षकों पर विद्यार्थियों के व्यक्तित्व और भविष्य को संवारने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंने शैलेश मटियानी के साहित्यिक योगदान को याद करते हुए कहा कि उनकी रचनाओं में उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों और ग्रामीण जीवन के संघर्षों को गहराई से दर्शाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन भारतीय परंपरा में गुरु को जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शक माना जाता है। शिक्षक बच्चों में राष्ट्रभक्ति, अनुशासन और नैतिकता के बीज बोते हैं। डिजिटल युग में शिक्षकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है, जो बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ संस्कृति और नैतिक मूल्यों से जोड़ते हैं।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई योजनाएं चला रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य है। इसके साथ ही ‘बाल वाटिका’ और ‘कौशलम कार्यक्रम’ जैसे नवाचारों ने प्रदेश में शैक्षिक क्रांति की शुरुआत की है।

शिक्षा मंत्री: शिक्षा में नवाचार और प्रगति

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग के कार्यों और नवाचारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 1340 विद्यालयों में वर्चुअल क्लासें और 950 विद्यालयों में स्मार्ट क्लासें शुरू की गई हैं। इस वर्ष सभी जिलों में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाए जा रहे हैं और 550 स्कूलों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। इसके अलावा, 22,000 प्राथमिक शिक्षकों को टेबलेट प्रदान किए गए हैं और शिक्षा विभाग में 9500 भर्तियां की जा रही हैं।

समारोह में अन्य उपस्थितियां

कार्यक्रम में सचिव विद्यालयी शिक्षा श्री रविनाथ रामन ने सभी का स्वागत किया और सम्मान समारोह की जानकारी दी। अपर सचिव श्रीमती रंजना राजगुरु ने धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह में स्वर्गीय शैलेश मटियानी के सुपुत्र श्री राकेश मटियानी, श्रीमती गीता मटियानी, शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और पुरस्कार प्राप्त शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।

 

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