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भाजपा पदाधिकारी के दो वोटर कार्ड मामले की जांच शुरू, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने लिया संज्ञान

देहरादून, 19 दिसंबर। उत्तराखंड भाजपा किसान मोर्चा के सोशल मीडिया सह-प्रभारी प्रभात कुमार द्वारा दो अलग-अलग राज्यों में वोटर कार्ड बनवाकर मतदान करने के आरोपों पर राज्य निर्वाचन आयोग ने संज्ञान लेते हुए जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कार्रवाई मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति के संयोजक लूशुन टोडरिया की शिकायत के बाद की गई है।

लूशुन टोडरिया ने कुछ दिन पूर्व राज्य निर्वाचन आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त, उत्तराखंड को पत्र भेजकर आरोप लगाया था कि बिहार मूल के प्रभात कुमार के पास दो अलग-अलग सक्रिय वोटर कार्ड हैं और उन्होंने उत्तराखंड व बिहार, दोनों राज्यों की विधानसभा चुनावों में मतदान किया है। टोडरिया ने इस संबंध में दो अलग-अलग वोटर कार्ड की प्रतियां तथा अलग-अलग राज्यों में मतदान से जुड़े प्रमाण ई-मेल के माध्यम से आयोग को उपलब्ध कराए थे।

टोडरिया ने अपने पत्र में कहा था कि एक से अधिक वोटर कार्ड रखना और अलग-अलग राज्यों में मतदान करना गंभीर कानूनी अपराध है। उन्होंने मांग की थी कि प्रभात कुमार के वोटर कार्ड की जांच कर उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए।

इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त, उत्तराखंड ने जिलाधिकारी देहरादून एवं संबंधित निर्वाचन अधिकारियों को प्रभात कुमार के वोटर कार्ड की जांच के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में लूशुन टोडरिया को आयोग की ओर से लिखित सूचना भी प्राप्त हुई है।

लूशुन टोडरिया ने कहा कि वह आगे भी ऐसे मामलों से जुड़े सबूत निर्वाचन अधिकारियों को उपलब्ध कराते रहेंगे और उत्तराखंड में वोट चोरी व फर्जी वोटर कार्ड जैसे मामलों को उजागर करने का अभियान जारी रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि एक ओर उत्तराखंड के मूल निवासियों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं, जबकि दूसरी ओर बिना समुचित जांच के अन्य राज्यों के लोगों के नाम उत्तराखंड की मतदाता सूची में जोड़े जा रहे हैं।

टोडरिया के अनुसार, इस प्रक्रिया के चलते उत्तराखंड में लाखों फर्जी मतदाता जुड़ चुके हैं, जो न केवल अवैधानिक है बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था और मूल निवासियों के अधिकारों पर सीधा हमला है। उन्होंने इसे गंभीर संवैधानिक उल्लंघन बताते हुए कहा कि बाहरी राज्यों के मतदाता फर्जी तरीके से वोटर कार्ड बनवाकर उत्तराखंड की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं।

मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया है कि वह उत्तराखंड में मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए दूसरे राज्यों के फर्जी मतदाताओं के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान चलाएगी।

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