राष्ट्रीयसुरक्षा

युद्धपोत उत्पादन में एक और छलांग : नौसेना का स्टेल्थ फ्रीगेट तारागिरि हुआ लॉन्च

नयी दिल्ली ,13  सितम्बर.( उ हि )। एमडीएल द्वारा निर्मित पी17ए के पांचवें स्टेल्थ फ्रीगेट को  श्रीमती चारू सिंह, अध्यक्ष एनडब्लूडब्लूए (पश्चिमी क्षेत्र) ने लॉन्च किया। उन्होंने इसका नामकरण ‘तारागिरी’ किया। गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में 11 सितंबर, 2022 को राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया था, जिसका अनुपालन करते हुये, यह कार्यक्रम तकीनीकी लॉन्च तक सीमित रखा गया।

चूंकि फ्रीगेट को लॉन्च करने के लिये ज्वार-भाटे की स्थिति अनुकूल होती है, इसलिये कार्यक्रम में बदलाव की संभावना नहीं थी। पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफीसर कमांडिंग-इन-चीफ वायस एडमिरल अजेन्द्र बहादुर सिंह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। लॉन्च समारोह में युद्धपोत उत्पादन एवं अधिग्रहण नियंत्रक वायस एडमिरल किरण देशमुख तथा भारतीय नौसेना और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (डब्लूडीबी) और एमडीएल की टीमों ने अतीत में भी कई सफल लॉन्चिंग की हैं। इस तरह उन्होंने अपनी विशेषज्ञता को धार दी है और इस बार फिर पूरी शान के साथ पॉनटून की सहायता से फ्रीगेट को लॉन्च किया है। लॉन्च के बाद ‘तारागिरी’ एमडीएल में अपने दो साथी जहाजों के साथ शामिल हो जायेगा। इसके बाद उसे साजो-सामान से लैस करके भारतीय नौसेना को सौंप दिया जायेगा।

सात पी17ए फ्रिगेट एमडीएल और जीआरएसई में निर्माण के विभिन्न चरणों से गुजर रहे हैं। स्टेल्थ फ्रीगेट जैसे अग्रिम मोर्चे के जटिल पोतों के स्वदेशी निर्माण ने देश को पोत निर्माण के क्षेत्र में ऊंचा दर्जा दिला दिया है। इसके जरिये आर्थिक विकास, भारतीय शिपयार्डों में रोजगार सृजन हो रहा है तथा उप-ठेकेदारों और सहायक उद्योगों को लगातार काम मिल रहा है। इसके अलावा परियोजना 17ए के 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी फर्मों को दिये गये हैं, जिनमें सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम शामिल हैं। इस तरह देश की ‘आत्म निर्भर भारत’ की परिकल्पना को बल मिल रहा है।

इस अवसर पर वायस एडमिरल अजेन्द्र बहादुर सिंह, एफओसी-इन-सी, पश्चिमी नौसेना कमान ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो और अन्य नौसेना दलों के प्रयासों की सराहना की कि इन सभी ने युद्धपोत निर्माण में देश की आत्मनिर्भरता की भावना को बल दिया है। उन्होंने कहा कि ‘तारागिरि’ जब नीले समंदर में उतरेगा, तो उससे निश्चित ही भारतीय नौसेना की शक्ति बढ़ेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!