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शहीद लांस नायक रूचिन रावत को पैतृक घाट पर हजारों नम आंखों से दी अंतिम विदाई

–एम एस गुसाईं/ हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट —

गैरसैंण, 7 मई। मातृभूमि की रक्षा के लिए जम्मू कश्मीर के राजोरी सेक्टर में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले चमोली जिले के शहीद सैनिक लांस नायक रूचिन रावत को रविवार को उनके पैतृक घाट पर पूरे सैन्य समान के साथ नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई।

शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव कुनीगाड़ पहुॅचने पर पूरे इलाके में शोक का माहौल था। शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करने कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, उप जिलाधिकारी कमलेश मेहता, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल भाष्कर बनर्जी (से.नि), सुबेदार मेजर कलम सिंह झिंक्वाण (से.नि), सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों तथा स्थानीय लोगों ने उनके पैतृक घाट पहुॅचकर शहीद सैनिक के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किए और उन्हें श्रद्वांजलि दी।


उप जिलाधिकारी ने परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शहीद रूचिन रावत के अमूल्य बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा।


गौरतलब है कि गैरसैंण ब्लाक के कुनीगाड़ गांव के शहीद सैनिक रूचिन सिंह रावत 18 वर्ष की आयु में सेना में भर्ती हुए थे। राजोरी सेक्टर में बीती पांच मई की रात्रि को आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान वीर गति को प्राप्त हो गए। शहीद सैनिक के पिता राजेन्द्र सिंह रावत एवं उनकी माता अपने बेटे के अचानक चले जाने से स्तब्ध हैं। शहीद सैनिक अपने पीछे अपनी पत्नी कल्पना देवी व चार वर्षीय पुत्र हर्षित को छोड़ गए हैं। उनकी शहादत से जहां क्षेत्र के लोगों में गर्व की अनुभूति है वहीं उनके असमय चले जाने से गहरा शोक भी है।

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