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बायोडिग्रेडेबल बायोपॉलीमर जो पैक किए गए भोजन की ताजगी की निगरानी भी कर सकता है

एक ऐसा नव विकसित बायोडिग्रेडेबल बायोपॉलीमर नैनो कंपोजिट जो आपेक्षिक आर्द्रता का पता लगा सकता है और जिसे विशेष रूप से खाद्य उद्योग के लिए स्मार्ट पैकेजिंग सामग्री के रूप में प्रयोग किया सकता है।

खाद्य उद्योग को अब पेट्रोलियम आधारित सामग्री जैसे प्लास्टिक को बदलने के लिए पैकेजिंग सामग्री के रूप में पेट्रोलियम आधारित सामग्री जैसे प्लास्टिक के स्थान पर आगे उपयोग के लिए गैर-विषाक्त, बायोडिग्रेडेबल, कम लागत वाली और पर्यावरण के अनुकूल सामग्री की अत्यधिक आवश्यकता है। इसके अलावा इसे वास्तविक समय में भोजन की गुणवत्ता का पता लगाने और उसके बारे में सूचित करने के लिए स्मार्ट और सक्रिय पैकेजिंग सामग्री की भी आवश्यकता होती है। इस तरह के स्मार्ट और सक्रिय पैकेजिंग सिस्टम खाद्य पैकेजिंग पर्यावरण के साथ सम्पर्क के दौरान होने वाले परिवर्तनों का भी संकेत देते हैं। जल्द खराब होने वाले पैक्ड खाद्य पदार्थ आपेक्षिक आर्द्रता में परिवर्तन होने के बाद आसानी से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं ।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार के एक स्वायत्त संस्थान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी उन्नत अध्ययन संस्थान (आईएएसएसटी) के वैज्ञानिक तथा भौतिक विज्ञान प्रभाग में प्रोफेसर देवाशीष चौधरी और उनके इन्स्पायर (आईएनएसपीआईआरई) वरिष्ठ शोध छात्र (सीनियर रिसर्च फेलो – एसआरएफ) श्री सज्जादुर रहमान के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा  स्मार्ट बायोडिग्रेडेबल बायोपॉलीमर नैनो कंपोजिट विकसित किया है जो आपेक्षिक आर्द्रता का पता लगा सकता है। इसमें ग्वार गम और एल्गिनेट को कार्बन डॉट्स (नैनो मैटेरीयल) के साथ मिश्रित करके एक नैनो कंपोजिट फिल्म बनाई गई थी जिसका उपयोग आपेक्षिक आर्द्रता का पता लगाने के लिए सफलतापूर्वक किया गया था। इस प्रकार विकसित की गई नैनो कंपोजिट फिल्म आर्द्रता के खिलाफ प्रतिदीप्ति (फ्लोरेसेंस) के “ऑन-ऑफ“ तंत्र पर आधारित एक उत्कृष्ट स्मार्ट सेंसर भी थी। इन वैज्ञानिकों का शोध इंटरनेशनल जर्नल ऑफ बायोलॉजिकल मैक्रोमोलेक्यूल्स में प्रकाशित हुआ है।

नैनो कंपोजिट फिल्म उच्च आर्द्रता (हाई ह्यूमिडिटी) की उपस्थिति में फ्लोरेसेंस में परिवर्तन दिखाती है। इसलिए विकसित की गई ऐसी नैनो कंपोजिट फिल्म सिर्फ एक पराबैगनी प्रकाश स्रोत का उपयोग करके पैक किए गए भोजन की ताजगी की निगरानी कर सकती है। प्रोफेसर चौधरी ने कहा कि “स्मार्ट और सक्रिय पैकेजिंग उपभोक्ताओं को पैक को खोले बिना ही किसी  नए उत्पाद का चयन करने में मदद कर सकती है। इस तरह की नवोन्मेषी पैकेजिंग बिक्री को बढ़ाती है और उपभोक्ताओं के लिए ताजा खाद्य उत्पादों की पहचान करने का समय कम भी  करती है”।

 

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