कैबिनेट मंत्री धनसिंह ने पतंजलि में नई शिक्षा नीति और पहाड़ों से पलायन पर बालकृष्ण से विचार-विमर्श किया
हरिद्वार, 30 जुलाई । उत्तराखण्ड सरकार के कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत पतंजलि योगपीठ, बहादराबाद पहुँचे, जहाँ पर मंत्री का स्वागत आचार्य बालकृष्ण ने पुष्प गुच्छ देकर किया।
हरेला माह के अवसर पर आचार्य बालकृष्ण एवं कैबिनेट मंत्री के साथ वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पतंजलि परिसर में सफेद चंदन के वृक्ष का रोपण किया और सभी प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वह इस हरेला पर्व पर अधिक से अधिक संख्या में वृक्षों का रोपण करके ग्लोबल वार्मिंग को रोकें।
कैबिनेट मंत्री धन सिंहरावत ने सबसे पहले बालकृष्ण के जन्मदिन की अग्रिम शुभकामनायें दी और साथ ही भारत सरकार की नई शिक्षा नीति को लेकर गहन विचार-विमर्श किया। चूंकि उत्तराखण्ड राज्य का अधिकतर भू-भाग पहाड़ी है इसलिए शिक्षा का अधिकार सब तक पहुँचें यह कार्य आज भी उत्तराखण्ड सरकार के लिए चुनौती का विषय बना हुआ हैं। उसी प्रकार पहाड़ों पर चिकित्सा का ढांचा खड़ा करना, उसका लाभ हर व्यक्ति तक पहुँचे और उसके लिए पतंजलि चिकित्सा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड सरकार के साथ भविष्य में कैसे कार्य करेंगी, उसकी भी चर्चा यहाँ पर की गई। वर्तमान समय में पतंजलि चिकित्सा के क्षेत्र में जिस तरह आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा दे रही है उसकी मंत्री ने सराहना की, साथ ही मंत्री पहाड़ों से युवाओं के पलायन को लेकर काफी चिंतित दिखाई दिये। उन्होंने आचार्य जी से पहाड़ों से पलायन को रोकने के लिए कृषि, जड़ी-बूटी, प्राकृतिक वेलनेस को खोलने व नये उद्योगों को स्थापित करने की रणनीति तैयार करने पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।
एबीवीपी के पदाधिकारियों ने इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री एवं आचार्य बालकृष्ण के हाथों से एक किताब जिसका नाम ध्येय यात्रा का विमोचन भी करवाया। मंत्री ने इस मुलाकात को उत्तराखण्ड के कल्याण व प्रदेशवासियों के हित में बताया और आचार्य बालकृष्ण के सहयोग की हमेशा कामना करते हुए उनका आशीर्वाद लिया।
मंत्री के साथ में हरिद्वार के मुख्य शिक्षा अधिकारी, मुख्य चिकित्सक अधिकारी, सहायक निबंधक व एबीवीपी के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहें।