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नफरती भाषण देने वाला बिधूड़ी अकेला नहीं, संसद में 33 और भी बैठे हैं !

In common language, “hate speech” refers to offensive discourse targeting a group or an individual based on inherent characteristics (such as race, religion, or gender) that may threaten social peace.

By- Usha Rawat
नयी दिल्ली, 3 अक्टूबर। भले ही रमेश बिधूड़ी संसद में नफरती भाषण देने वाला अब तक का अकेला संासद हो मगर संसद से बाहर ऐसे बिधूड़ियों की भरमार है। सांसद ही नहीं बल्कि विधानसभाओं में भी ऐसे जनप्रतिनिधियों की भरमार है जिन पर नफरत फैलाने वाले या भड़काऊ भाषण देकर समाज का माहौल बिगाड़ने के मुकदमे दर्ज होते रहे हैं। यही नहीं राजनीतिक दल ऐसे लोगों की जहरीली जुबान की परवाह न करते हुये उनको टिकट देने में संकोच नहीं करते रहे हैं। नफरती भाषण देने वाले सांसदों और विधायकों में भारी बहुमत भाजपा का है।

एसोशियेशन ऑफ डिमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ताजा नेशनल इलेक्शन वॉच रिपोर्ट के अनुसार 107 वर्तमान सांसदों और विधायकों ने अपने ऊपर भड़काऊ भाषण से सम्बन्धित मामले घोषित किए हैं। 33 वर्तमान सांसदों ने अपने ऊपर भड़काऊ भाषण से सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं। उत्तर प्रदेश के 7 वर्तमान सांसदों ने अपने ऊपर भड़काऊ भाषण से सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं, तमिलनाडु से 4, बिहार, कर्नाटक और तेलंगाना प्रत्येक से 3, असम, गुजरात, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल प्रत्येक से 2 और झारखंड, मध्य प्रदेश, केरल, ओडिशा और पंजाब प्रत्येक से 1 वर्तमान सांसद ने अपने ऊपर भड़काऊ भाषण से सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं।

भड़काऊ भाषण या नफरती भाषण संबंधी एडीआर की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भड़काऊ भाषण देने का अरोप स्वीकारने वाले संासदों में भाजपा के सर्वाधिक 22, कांग्रेस के 2, आप, एआइएमआइएम, एआइयूडीएफ, डीएमके, AAP, AIMIM, AIUDF, DMK, MDMK, Pattali Makkal Katchi, Shiv Sena (Udhhav Balashaeb Thackeray), Viduthalai Chiruthaigal Katchi  में प्रत्येके में से एक-एकतथा एक निर्दलीय सांसद ने अपने ऊपर भड़काऊ भाषण से सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं।

रिपोर्ट के अनुसार 74 वर्तमान विधायकों ने अपने ऊपर भड़काऊ भाषण से सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं। इनमें बिहार और उत्तर प्रदेश प्रत्येक से 9 वर्तमान विधायकों ने अपने ऊपर भड़काऊ भाषण से सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं, आन्ध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना प्रत्येक से 6, असम और तमिलनाडु प्रत्येक से 5, दिल्ली, गुजरात और पश्चिम बंगाल प्रत्येक से 4, झारखंड और उत्तराखण्ड प्रत्येक से 3, कर्नाटक, पंजाब, राजस्थान और त्रिपुरा प्रत्येक से 2 और मध्य प्रदेश और ओडिशा प्रत्येक से 1 विधायक ने अपने ऊपर भड़काऊ भाषण से सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं।

भाड़काऊ भाषण देने वाले विधायकों में भी भाजपा के विधायकों का भारी बहुमत मौजूद है जो कि उनकी मनोदशा को दर्शाता है। इन 74 भड़काऊ भाषण देने वाले विधायकों में भाजपा के 20, कांग्रेस के 13, आप के 6 सपा और वाइएसआररेड्डी कांग्रेस तथा आरजेडी के 4-4 तथा बाकी अन्य दलों के हैं। 2 निर्दलीय विधायकों ने अपने ऊपर भड़काऊ भाषण से सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं। पिछले पांच वर्षों में भड़काऊ भाषण से सम्बन्धित मामले घोषित करने वाले 480 उम्मीदवारों ने राज्य विधानसभाओं/लोक सभा/राज्यसभा के लिए चुनाव लड़े हैं।

 

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