पर्यावरण

वर्ड वाचिंग प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित : डीएफओ नेगी ने किया युवाओं का मार्गदर्शन

गोपेश्वर, 30 नवम्बर ( गुसाईं )।वर्ड वाचिंग के लिए केदारनाथ नाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर के द्वारा पांच दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रभागीय वनाधिकारी इंदर सिंह नेगी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि प्रकृति के संरक्षण के साथ स्थानीय लोगों की आजीविका को बढ़ावा मिले, ताकि गरीब से गरीब लोगों को प्रकृति का लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा कि होम स्टे के साथ स्थानीय वन्यजीवों तथा पक्षियों और वनस्पतियों का स्थानीय लोगों को ज्ञान होना आवश्यक है। आज के समय में हमें वैश्विक रूप से तैयार होना पड़ेगा तभी हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर से लोगों की जानकारी के अनुरूप स्थानीय गाइड तैयार करने होंगे। उन्होंने कहा कि बर्ड वाचिंग एक महत्वपूर्ण विधा है। इसमें रोजगार की भी पर्याप्त संभावना है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पूरी जानकारी होने से पर्यटन को नया आधार दिया जा सकता है।

गौरतलब है कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में क्षेत्र के विभिन्न गांवों के स्थानीय नौजवानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान 123 प्रकार के पक्षियों की पहचान हो सकी, उन्हें स्थानीय नाम एवं वैज्ञानिक नामों से जानकारी दी गई।

मुख्य प्रशिक्षक के रूप में ऊखीमठ के यशपाल नेगी प्रशिक्षुओं को व्यापक जानकारी दी गई। केदारनाथ वन्य जीव अभ्यारण के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र मंडल, चोपता, तुंगनाथ त्रिजुगीनारायण और देवरिया ताल आदि क्षेत्रों में इन दिनों प्रवास करने वाली पक्षियों की पहचान से शिक्षण प्राप्त करने वालों को रूबरू कराया गया। प्रशिक्षण के दौरान उच्च हिमालयी और मध्य हिमालयी में पायी जाने वाली पक्षियों की दिनचर्या, उनके प्रजनन की जानकारी भी दी गई। मुख्य प्रशिक्षक यशपाल नेगी ने बताया कि गर्मियों के समय में विभिन्न प्रकार के पक्षी प्रजनन के लिए इन क्षेत्रों में पहुंचते हैं। तब इनकी संख्या 350 से अधिक होती है। उन्होंने बताया कि स्वयं पिछले 20 वर्षों से पक्षियों के पहचान के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से भी पक्षियों के प्रजनन पर प्रभाव पड़ रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में रेंज अधिकारी उखीमठ पंकज ध्यानी ने बताया कि अधिकांश प्रशिक्षक पक्षियों के बारे में बारीकियों से जानकारी प्राप्त कर पाए। 40 प्रजातियों की पहचान मुख्य रूप से प्रशिको ने प्राप्त करने वाले लोगों ने स्वयं तैयार की है।

इस मौके पर जनदेश के सचिव लक्ष्मण सिंह नेगी ने प्रशिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रकृति संरक्षण आवश्यक है। हमारी जैव विविधता के संरक्षण में पक्षियों का अहम योगदान है। हमें उनके संरक्षण समर्थन के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए। लगातार वनाग्नि के कारण पक्षियों के प्रजनन, बच्चों के संरक्षण में परेशानियां आ रही हैं। वनों में आग के कारण वन्य जीव एवं पक्षियों का नुकसान हुआ है, साथ ही हमें वनों में होने वाले अवैध पक्षियों एवं पशुओं के शिकार को भी रोकना होगा। जितने भी लोग प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, वही प्रकृति संरक्षण के सच्चे प्रहरी के रूप में काम कर सकते हैं। हमें स्थानीय स्तर पर ज्ञान के संरक्षण के साथ प्रकृति के संरक्षण में योगदान देना चाहिए। इस कार्यक्रम के प्रशिक्षक के रूप में भरत सिंह पुष्पवाण, दिनेश वजबाल, दिनेश नेगी, हरीश मैठानी, प्रभात बिष्ट रेंज अधिकारी गोपेश्वर बलवीर सिंह नेगी उपस्थित थे। 32 लोगों ने प्रशिक्षण में भाग लिया।

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