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गौचर मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री करेंगे, मेला समिति जुटी तैयारियों में

ललिता प्रसाद लखेड़ा की  रिपोर्ट

सिदोली, चमोली 11 नवंबर।14 से 20 नवंबर तक आयोजित होने वाले 70 वां राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेला महोत्सव गौचर का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया जायेगा। यह जानकारी देते हुये मेलाधिकारी गौचर / उप जिलाधिकारी कर्णप्रयाग सन्तोष कुमार पाण्डेय ने कहा कि गौचर के विशाल मैदान में मेला आयोजन से संवंधित सभी कार्यों को अन्तिम रूप देने की तैयारियों में मेला समिति जुटी हुई है। मेला मैदान में मुख्य रंग मंच स्टेज के सौंदर्यीकरण के साथ ही मेला द्वार, विभागीय स्टालों, दुकानों का आवंटन, विद्युतिकरण आदि सभी आवश्यक कार्यों को अन्तिम रूप दिया जा रहा है।

दरअसल उत्तराखंड में गौचर मेला पहली बार 1943 में जिला परिषद गढ़वाल के उपाध्यक्ष एवं प्रख्यात पत्रकार पं. गोविन्द प्रसाद नौटियाल के प्रस्ताव पर ही तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर गढ़वाल वर्निडी ने गौचर मेले का शुभारंभ कराया था। जिसमें तत्कालीन भोटिया बंधुओं के साथ समाज सेवा से जुड़े लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उस समय भारत व तिब्बत के बीच व्यापार खुला था। इस तरफ व्यापार बड़े पैमाने पर भोटियाओं द्वारा किया जाता था जो तिब्बत की सीमा से लगे चमोली गढ़वाल में रहते थे। गौचर मेले में भोटियाओं को कलात्मक हस्तशिल्प के साथ ही अपने ऊनी उत्पादों को बेचने और अगली गर्मियों में सीमा पार व्यापार करने के लिऐ कच्चा माल खरीदने में मदद की। यह केवल स्थानीय मेला नहीं था। पूरे उत्तर भारत के लोग व्यापार और सांस्कृतिक मंडली में शामिल होने यहां आते थे।
भारत की स्वतंत्रता के बाद गौचर मेला सरकार द्वारा एक विकासात्मक, औद्योगिक और सांस्कृतिक मेले के रूप में आयोजित किया जाने लगा। इसे क्षेत्र के प्रमुख मेलों में से एक माना जाता है। जिसमें राज्य सरकार के अधिकांश विभाग भाग लेते हैं, यह मेला खेल, व्यापार और संस्कृति को बढ़ावा देने का एक मंच है।

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