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उत्तराखंड में मदरसों की जांच की टाइमिंग पर कांग्रेस ने उठाये सवाल

 

 

देहरादून,  8 जनवरी। उत्तराखंड कांग्रेस ने राज्य सरकार द्वारा मदरसों को लेकर की जा रही जांच की कार्रवाही की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए इसे निकाय चुनाव प्रेरित बताने के साथ ही  मदरसों की संख्या में भारी वृद्धि के लिए बोर्ड के आयातित अध्यक्ष को जिम्मेदार बताया है।

उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा बिजनौर से आयात किया गया मदरसा बोर्ड का चेयरमैन मोहम्मद शामून काजमी क्या कुंभकरण की नींद में सो रहे थे जो आज अचानक से प्रदेश के अंदर मशरूम की तरह अवैध मदरसे उग आए हैं?

दसौनी ने कहा कि इसका सीधे-सीधे अर्थ है कि मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने अपना काम ठीक से नहीं किया। पिछले वर्ष हरिद्वार के मदरसों में 700 हिंदू बच्चों के पढ़ने की खबर आई थी और यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चाओं में रहा था, यदि सरकार तभी जाग गई होती तो शायद आज इस कार्यवाही की जरूरत ना पड़ती।

दसौनी ने कहा कि भाजपा की सरकार को प्रदेश में आठवां साल चल रहा है लेकिन आज तक कभी अवैध मदरसों की सुध नहीं ली गई लेकिन 2022 के बाद से जैसे ही भाजपा का नया कार्यकाल शुरू हुआ है तो एक एजेंडे के तहत काम किया जा रहा है ।दसौनी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसी भी रूप में अवैध कब्जों या अवैध क्रियाकलापों का समर्थन नहीं करती लेकिन सरकार को भी दोहरे मापदंड नहीं अपनाने चाहिए।

गरिमा ने कहा कि राज्य में कई निजी शिक्षण संस्थान है जो अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं और जिन्होंने सरकारी भूमि कब्जा रखी है इसके अलावा प्रदेश के अंदर बिना अनुमति के नशा मुक्ति केंद्र चलाए जा रहे हैं उनका निरीक्षण कब होगा? गरिमा ने कहा की प्रदेश में कानून व्यवस्था बुरी तरह से डामाडोल है, महिला हॉकी खिलाड़ी के साथ उसी के कोच के द्वारा दुष्कर्म किया जाना प्रदेश को शर्मसार करने वाला है।महिला खिलाड़ियों के परिजन बहुत आशाओं और विश्वास के साथ अपनी बच्चियों को खेलने के लिए सरकार के सुपुर्द करते हैं लेकिन सरकार उन्हें सुरक्षा देने में विफल साबित हो रही है।

 

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