चुनावराजनीति

कांग्रेस का आरोप – भाजपा नागर समाज की बेहतरी के मुद्दों के बजाय नफ़रत और साम्प्रदायिकता पर उतर आयी है !

The Chief Spokesperson of Uttarakhand Congress, Garima Mehra Dasauni, stated in a press release today that urban local body elections should be fought on local issues. However, the Bharatiya Janata Party (BJP) only understands one language, and that is the language of hate. Dasoni said that if the speeches of BJP leaders in the urban body election meetings are reviewed, they only talk about land jihad, spit jihad, temple-mosque issues, Friday prayers, Muslim universities, and nothing else. Garima further emphasized that the focus of the local body elections should be on addressing the problems of the local population and finding solutions. The issues to be discussed should include law and order, health, education, roads, electricity, drainage, pathways, CCTV cameras, green state initiatives, river and environmental conservation, controlling crime, improving the local population’s quality of life, and ensuring the provision of basic amenities. A vision and roadmap for these issues should be presented.

देहरादून, 18 जनवरी। उत्तराखंड कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह निकाय चुनवों में हार सुनिश्चित देख तुष्टिकरण और साम्प्रदायिकता पर उतर आयी है.
उत्तराखंड की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने आज यहाँ जारी एक बयां में कहा कि  शहरी निकाय चुनाव स्थानीय यानी लोकल मुद्दों पर लड़े जाने चाहिए, लेकिन भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ एक भाषा समझ में आती है और वह है नफरत की भाषा । दसौनी ने कहा कि यदि शहरी निकाय की चुनावी सभाओं में भाजपा के नेताओं  के भाषणों की समीक्षा की जाए तो उसमें लैंड जिहाद, थूक जिहाद, मंदिर- मस्जिद, जुम्मे की नमाज, मुस्लिम यूनिवर्सिटी, इसके अलावा कुछ नहीं मिलेगा।
 गरिमा ने कहा कि निकाय के चुनाव में स्थानीय जनता की समस्याओं और उसके निदान की बात होनी चाहिए, कानून व्यवस्था,स्वास्थ्य,शिक्षा,सड़क, बिजली, नाली, खड़ंजा, सीसीटीवी कैमरा, हरित प्रदेश, नदियों पर्यावरण का संरक्षण, अपराध पर नकेल, स्थानीय जनता का जीवन स्तर कैसे सुधारा जाए, उनको कैसे मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी इसका विजन और रोड मैप रखा जाना चाहिए ।
गरिमा ने कहा कि सत्ता पक्ष की तो और भी जिम्मेदारी बनती थी कि वह अपना रिपोर्ट कार्ड और उपलब्धियां जनता के बीच प्रस्तुत करें परंतु  इसके इतर  सत्ता पक्ष के प्रत्याशियों की सार्वजनिक सभाओं में दिए जा रहे नफरती और तुष्टिकरण वाले वक्तव्यों की जितनी निंदा की जाए कम है।
भाजपा एक बार पुनः विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तरह तमाम  हथकंडे अपनाने के बावजूद जब अपने प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं और अपने ही दल से भीतर घात झेलना पड़ रहा है ,तो भाजपा के नेताओं को जिहाद याद आने लगा है।
दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड की देव तुल्य जनता को सत्ता रूढ़  दल से हिसाब मांगना होगा।
हिसाब स्मार्ट सिटी का, हिसाब नाबालीग बच्चियों के साथ हो रहे दुष्कर्मों का, दिनदहाड़े हत्या, लूट डकैतियों का और सरकारी धन की बंदर  बांट का। कांग्रेस नेत्री ने कहा कि  जनता को यह समझना होगा कि यह भारतीय जनता पार्टी की रीति नीति है कि जब उसके पास गिनाने के लिए कोई विकास या उपलब्धि नहीं होती तो फिर वह हिंदू मुसलमान मजार कब्रिस्तान करने लगती है

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