तीन दिनों की नीरसता के बाद काफी भीड़ जुटने लगी है गौचर मेले में
–गौचर से दिग्पाल गुसाईं –
जनपद चमोली के गौचर मैदान में आयोजित सात दिवसीय गौचर औद्योगिक विकास मेले में रविवार को काफी हद तक भीड़ जुटने से पिछले तीन दिनों से चली आ रही नीरसता समाप्त होती दिखाई दी।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन से शुरू हुए गौचर औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया था। कारण जो भी रहा हो उद्घाटन अवसर भी अपेक्षाकृत भीड़ नहीं जुटने से मेला आयोजकों के पेशानी पर बल नजर आने लगा था।
गत वर्ष शुरू दिन से इतनी भीड़ जुटने शुरू हो गई थी कि पुलिस प्रशासन को व्यवस्था सुधारने में नाकों चने चबाने पड़े थे। 17 से 19 नवंबर तक स्थिति बेकाबू हो गई थी। इस बार मेले के पिछले तीन दिनों तक निरसता बनी रहने से जहां मेला प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही थी वहीं दुकानदार भी मायूस नजर आ रहे थे।
चौथे रविवार का अवकाश होने की वजह से गत वर्ष की अपेक्षाकृत भीड़ तो नहीं जुट पाई है लेकिन पिछले तीन दिनों से ज्यादा भीड़ जुटने से नीरसता भी समाप्त होती दिखाई दी। इस मेले की परंपरा रही है कि मेला का आनंद लेने से कोई सरकारी कर्मचारी संचित न रह जाए इसके लिए 18 नवंबर को जिलाधिकारी की ओर से जिले में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है।
हालांकि इस मेले की परंपरा रही है कि मेले में 18 से ही भीड़ जुटनी शुरू होती है। अब सबकी निगाहें आखिरी तीन दिनों पर टिक गई हैं। यह तो समय ही बताएगा कि मेला अपने योवन पर आ पाता है कि नहीं। इस बार गत वर्ष की भी भीड़ को मध्य नजर रखते हुए पुलिस ने मेले को तीन भागों में बांट दिया है लेकिन भीड़ के सामान्य रहने से पुलिस भी चैन की बांसुरी बजा रही है।
रविवार से जहां मेलार्थी जमकर खरीदारी कर रहे हैं वहीं खेल तमाशे वालों के चक्के भी चलने लगे हैं। मेला अधिकारी उप जिलाधिकारी कर्णप्रयाग संतोष पाण्डेय, तहसीलदार सुश्री सुधा डोभाल, पुलिस चौकी प्रभारी मानवेन्द्र गुसाईं, पालिका के वरिष्ठ लिपिक रोशन पुंडीर,के अलावा राजस्व उपनिरीक्षक। पुलिस के तमाम अधिकारी मेले पर पैनी नजर गड़ाए हुए हैं।