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उत्तराखण्ड राज्य स्तरीय संगीत प्रतिभा सम्मान समारोह 2022-23 के दूसरे दिन शिक्षकों एवं छात्रों की नृत्य प्रतियोगिता सम्पन्न

उत्तराखंड हिमालय ब्यूरो
देहरादून 17नवंबर। उत्तराखण्ड राज्य स्तरीय संगीत प्रतिभा सम्मान समारोह के अवसर पर मेजर योगेन्द्र यादव, अपर सचिव, विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखण्ड के दूरस्त जनपदों से आये प्रतिभागी विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप महानगरों की तुलना में सीमित संसाधनों में अपना कार्य कर रहे हैं इसलिए आप कई गुना बेहतर हैं।
उन्होंने कहा कि बच्चों को जो मंच प्रदान किया जाता है उसमें सुविधाओं का स्तर बढ़ना चाहिए ताकि उनकी प्रतिभा को मंच के साथ सम्मान भी मिले। श्री यादव ने अधिकारियों और शिक्षकों से कहा कि यह ध्यान रहे कि किसी भी प्रकार की प्रतियोगिता या आकलन में बच्चों के साथ न्याय होना चाहिए वरना बच्चे टूट जाते हैं और वह टूटन हमेशा उसके साथ रहती है। अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा ने सुन्दर प्रस्तुतियों के लिए बच्चों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि विद्यालयी शिक्षा में इस प्रकार के प्रयोग जरूरी हैं। यह एक अभिनव प्रयास है। उनके द्वारा इस सुन्दर व शानदार समारोह का आयोजन के लिए एस.सी.ई.आर.टी. को बधाई दी गयी। उन्होने कहा कि बच्चों की प्रतिभा के सम्मान से आत्मविश्वास आता है, उनका आत्मसम्मान बढ़ता है। संगीत, नृत्य, गीत, पेटिंग हमारे सृजनशील मस्तिष्क का परिचायक होती है। उन्होने कहा कि काफी बच्चों ने सोशल मीडिया के माध्यम से सीखा जो कि एक महत्वपूर्ण बात है। हमारे प्रदेश में प्रतिभा की कमी नहीं है, बच्चों ने एकलव्य बनकर साधना की है। जब हम आधुनिक तकनीक एवं शिक्षक का समन्वय करते हैं तो बेहतर परिणाम सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल के साथ अभिभावक भी यदि मिलकर कार्य करें तो बच्चों को अच्छी दिशा मिल सकती है।
समापन के अवसर पर निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड श्रीमती सीमा जौनसारी ने कहा कि यह कार्यक्रम आने वाले वर्षों में भी जारी रहेगा। शिक्षकों और विद्यार्थियों से जो भी कार्य करना होगा करेंगे।
प्राचार्य डायट, देहरादून ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद और आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि जो हमारे अंदर श्रेंष्ठ है उसे संवारना ही शिक्षा है। आज हमार जीवन में संवेदनशीलता की कमी ही सारे समस्या के मूल में है। हम अपनी इन्द्रियों को संवदेनशीलता के साथ प्रयोग करें।
निर्णायक के रूप में श्रीमती सोनल वर्मा, डॉ. विजया गोडबोले एवं डॉ. राकेश भट्ट उपस्थित रहे। निर्णायक डॉ. विजया गोडबोले ने कहा कि जो विद्या लिखी उसके साथ न्याय होना चाहिए। हमारा देश सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है। प्रादेशिक लोक संगीत बहुत खूबसूरत है। इसका संरक्षण संवर्धन हम ही कर सकते हैं। गोडबोले ने शिक्षकों से कहा कि खेल और कला मनुष्यों के जीवन में अवश्य होनी चाहिए।
निर्णायक श्रीमती सोनल वर्मा ने कहा कि कला के साथ एजुकेशन बहुत जरूरी है। पढ़ाई के साथ-साथ कला और खेल भी साथ चलने चाहिए। आप 5 मिनट के लिए जब किसी का ध्यान अपनी तरफ खींचते हैं कि यह आपकी उपलब्धि है। हमें किसी के रिकॉर्ड नहीं तोड़ने हैं बल्कि अपने ही रिकॉर्ड तोड़ते हैं अर्थात् हमेशा कुछ बेहतर करना है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता में उतरना बहुत बड़ी बात है। प्रस्तुति तो कोई भी कर लेता है।
तीसरे निर्णायक डॉ. राकेश भट्ट ने कहा कि एक गुरु के लिए सबसे बेहतर ये था मंच पर सारी बेटियां आयी हैं। यह महिला सशक्तिकरण यहां दिखता है। उन्होंने कहा कि निर्णायक नियमों से बंधे होते हैं। लेकिन सभी बच्चों की प्रस्तुतियां बेहतरीन थी। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि लोगीत लोकनृत्यों के चयन में सावधानी बरतनी जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने जितनी मेहनत की वो मंच पर दिखा। श्री भट्ट ने कुछ बेहतरीन लोकगीत सुनाकर समां बांध दिया।
शिक्षकों ने शास्त्रीय नृत्य एवं लोकनृत्य तथा बच्चों ने उप शास्त्रीय (सेमी क्लासिकल) नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में शिक्षकों के शास्त्रीय नृत्य में डॉ. लता तिवारी, रा.बा.इ.का. श्रीनगर ने कत्थक, श्रीमती प्रेमलता, रा.इ.का. सोलीसल्ट, अल्मोड़ा ने भरतनाट्यम, पिंकी आर्य, अटल उत्कृष्ट आदर्श रा.इ.का. चम्पावत ने कत्थक, कंवलजीत कौर, गुरुनानक रा.इ.का. प्रेमनगर, देहरादून ने कत्थक, श्रुति वालिया, रुड़की ने कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया।
शिक्षकों की लोकनृत्य प्रतियोगिता में जयन्ती सुन्दरियाल, रा.बा.इ.का. कोदड़ीसैण, पौड़ी, श्रद्धा रावत, रा.बा.इ.का. गौचर चमोली, मनीषा सेमवाल, अटल उत्कृष्ट रा.बा.इ.का. उत्तरकाशी, दिव्या नौटियाल अटल उत्कृष्ट रा.इ.का. रुद्रप्रयाग, केशर सिंह राय, रा.इ.का. बद्रीपुर, विकासनगर, देहरादून, भावना मेहरा रौतेला, रा.इ.का. द्वाराहाट, पंकज शाह, रा.उ.मा.वि. भनार, कपकोट, बागेश्वर, रणजीत सिंह राणा, रा.इ.का. मऊ, चम्पावत, बबीता सत्यवली, रा.इ.का.जसपुर, ऊधमसिंह नगर, ललिता पंचपाल रावत, रा.इ.का. नौकुचियाताल, भीमताल, नैनीताल ने लोक नृत्य प्रस्तुत किये।
विद्यार्थियों के उप शास्त्रीय नृत्य में कु. दिया, रा.इ.का. सतपुली, कु. पायल नेगी, रा.इ.का. चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी, कु. सिमरन, रा.बा.इ.का. रुद्रप्रयाग, कु. यशिका, आर्य कन्या इण्टर कॉलेज रुड़की, कु. सोनिया, आदर्श इ.का. सुरईखेत, द्वाराहाट, अल्मोड़ा, कु. पूनम कापड़ी, रा.बा.इ.का. कनालीछीना, पिथौरागढ़, कु. हंसी भौर्याल, रा.इ.का. सनेती, कपकोट, बागेश्वर, कु. प्रियल जोशी, रा.गां.न.वि. देहरादून, कु. दिया बिष्ट, रा.बा.इ.का. चम्पावत, कु. निकिता, रा.बा.इ.का. नारायणबगड़ चमोली, कु. तनिष्का, रा.बा.इ.का. धोलाखेड़ा, नैनीताल, कु. सोनम, रा.बा.इ.का. थत्यूड़, टिहरी गढ़वाल ने अपनी प्रस्तुतियां दी।
शास्त्रीय संगीत गायन (शिक्षक) में प्रथम स्थान सीमा रस्तोगी, एम.के.पी.इ.का. देहरादून, द्वितीय स्थान हरीश जोशी, रा.इ.का. भीमताल, नैनीताल और तृतीय स्थान हिमांशु पंत, रा.इ.का. देवाल, चमोली ने प्राप्त किया। लोक गीत गायन (शिक्षक) में प्रथम स्थान मनोज थापा, अ.उ.रा.इ.का. रुद्रप्रयाग, द्वितीय स्थान दीवान सिंह कोश्यारी, रा.इ.का. नामती चेटाबगड़, बागेश्वर और तृतीय स्थान डिम्पल जोशी, रा.बा.इ.का. हल्द्वानी, नैनीताल ने प्राप्त किया। इसी प्रकार शास्त्रीय नृत्य (शिक्षक) में डॉ. लता तिवारी, रा.बा.इ.का. श्रीनगर, पौड़ी ने प्रथम स्थान, पिंकी आर्या, अ.उ.रा.इ.का. बाराकोट, चम्पावत ने द्वितीय स्थान तथा प्रेमलता, रा.इ.का. सोलीसल्ट, अल्मोड़ा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। लोक नृत्य (शिक्षक) में प्रथम स्थान दिव्या नौटियाल, रा.इ.का. रुद्रप्रयाग, द्वितीय स्थान मनीषा सेमवाल, रा.बा.इ.का. उत्तरकाशी और तृतीय स्थान केशर सिंह राय, रा.इ.का. बद्रीपुर, विकासनगर, देहरादून ने प्राप्त किया। विद्यार्थियों के उप शास्त्रीय नृत्य (सेमी क्लासिकल नृत्य) में प्रथम स्थान कु. तनिष्का, रा.बा.इ.का. धौलाखेड़ा, नैनीताल, द्वितीय स्थान कु. यशिका, आर्य कन्या इण्टर कॉलेज रुड़की और तृतीय स्थान कु. हंसी भौर्याल, रा.इ.का. सनेती, कपकोट, बागेश्वर ने प्राप्त किया।
महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा ने स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में अपर निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड डॉ. आर.डी. शर्मा, अपर निदेशक सीमैट, उत्तराखण्ड श्री दिनेश चन्द्र गौड़, अपर निदेशक एवं डायट देहरादून से प्राचार्य श्री राकेश जुगरान जी तथा एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड से डॉ. आर.डी. शर्मा, अपर निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी., श्रीमती आशारानी पैन्यूली, संयुक्त निदेशक, श्री राय सिंह रावत, उप निदेशक, श्रीमती हिमानी बिष्ट, उप निदेशक, श्रीमती अनीता द्विवेदी, सहायक निदेशक, श्री सोहन सिंह नेगी, डॉ. शक्ति प्रसाद सेमल्टी, डॉ. संजीव चेतन, श्रीमती गंगा घुघत्याल, डॉ. शिवानी चन्देल, श्री देवराज राणा, श्री दिनेश चन्द्र चौहान, डॉ. बिन्दु नौटियाल, श्रीमती शुभ्रा सिंघल, श्री मनोज किशोर बहुगुणा, श्रीमती सुनीता उनियाल, श्री राकेश प्रसाद नौटियाल एवं श्री राज कुमार उपस्थित थे। रा.गां.न.वि. देहरादून से बृजेश शाह व रा.उ.मा. वि. शेरगढ़ से प्रधानाध्यापक डॉ. एन. के. हटवाल भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मोहन सिंह बिष्ट और डॉ. उषा कटियार द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

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