मूसलाधार बारिश के बावजूद अलकनंदा के किनारे पेयजल की समस्या
-/गौचर से दिग्पाल गुसाईं —
क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से भले ही लोगों को तपती गर्मी से काफी हद तक निजात मिल गई हो लेकिन उपभोक्ताओं को पेयजल मुहैया कराने में जल संस्थान के अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों का पसीना निकल रहा है।
दरअसल पालिका क्षेत्र की जनता को पेयजल मुहैया कराने के लिए लोड़िया गाड के श्रोत से पेयजल की लाइनें बिछाई गई है।इन लाइनों से जिस टैंक में पानी भरा जाता है वहां पर किसी प्रकार के फिल्टर की व्यवस्था नहीं की गई है। बरसात के दिनों में जंगलों से तमाम प्रकार का कूड़ा करकट व मिट्टी बहकर नलों मे जमा होने से लोगों के घरों तक पानी ही नहीं पहुंच पा रहा है। बरसात के दिनों में प्रर्याप्त पानी होने के बावजूद इन दिनों क्षेत्र में पेयजल संकट जैसी स्थिति बनी हुई है।इस संकट से निजात दिलाने के लिए जल संस्थान के अल्प वेतन भोगी कर्मचारी रात दिन जान जोखिम में डालकर पेयजल समस्या से निजात दिलाने के लिए पसीना बहा रहे हैं। लेकिन दुःख इस बात का कि सब जानते हुए भी विभाग के लाखों रुपए वेतन लेने वाले अधिकारी ऐसी में बैठकर आराम फरमा रहे हैं।इस संबंध में जब उपभोक्ता उनसे पेयजल की शिकायत करता है तो उनका टका सा जवाब मिलता है कि विधुत न होने की वजह से पेयजल लिफ्ट पंप नहीं चल रहा। लेकिन उनका यह जबाव उपभोक्ताओं के गले नहीं उतर रहा है। बंदरखंड महिला संगठन की अध्यक्ष विजया देवी का कहना है कि पिछले दस दिनों से गांव ही नहीं अन्य क्षेत्रों में भी पेयजल संकट बना हुआ है बार बार शिकायत करने पर पर भी जल संस्थान के अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंग रहा है उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन को जनता की शिकायतों का संज्ञान लेना चाहिए । उन्होंने कहा कि ताजुब तो इस बात का है जिस पानी को जनता खरीद रही है सरकार उसे भी समय पर मुहैया नहीं करा पा रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि समय रहते शासन प्रशासन ने जनता की शिकायतों का संज्ञान नहीं लिया तो जनता आंदोलन जैसे कदम उठाने को मजबूर हो जाएगी।