दृष्टि आई इंस्टीट्यूट ने याद किया अपने संस्थापक स्वर्गीय  डॉ 0 एम सी  लूथरा को

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—uttarakhandhimalaya.in —

देहरादून,  10   अप्रैल।  दृष्टि आई इंस्टीट्यूट की 25वी वर्षगांठ के अवसर पर उन्होंने अपने संस्थापक चेयरमैन स्वर्गीय  डॉ 0 एम सी  लूथरा के नक्शे कदम पर चलते हुए उन्हें याद किया।

दृष्टि आई इंस्टीट्यूट 8अप्रैल को में यू.पी, उत्तराखण्ड क्षेत्र का पहला 3-D माइक्रोस्कोप का उद्धघाटन पद्मश्री  जे एस तितियाल, प्रमुख आर पी सेंटर ऐम्स नई दिल्ली द्वारा किया गया। दृष्टि आई इंस्टीट्यूट टेक्नोलॉजी को उत्तराखंड राज्य में सबसे पहले लाने में हमेशा आगे रहा है। 9 अप्रैल को दृष्टि आई इंस्टीट्यूट ने दृष्टिकोण 2030 वार्षिक नेत्र सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें 150 से अधिक नेत्र चिकित्सकों ने हिस्सा लिया एवं सम्मेलन में राष्ट्रीय नेत्र चिकित्सकों ने 3-D video सर्जरी का प्रदर्शन कर युवा पीढ़ी के डॉक्टरों को नई तकनीक से अवगत कराया।

3-D माइक्रोस्कोप से मरीज और सर्जन को काफी फायदा होता है सर्जन बड़ी 4K स्क्रीन में देख कर सर्जरी करते है और मरीज की सुविधा अनुसार इल्यूमिनेशन को घटाया बढ़ाया जा सकता है।

दृष्टिकोण 2030 में मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थियों के लिए सर्जरी कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसमें राज्य के विभिन्न संस्थानों से मेडिकल छात्रों ने सर्जरी के कई नए गुर सीखे। सम्मेलन में ऐम्स नई दिल्ली आर पी सेंटर प्रमुख Prof. जे एस तितियाल ने स्वर्गीय  डॉ 0 एम सी  लूथरा  भाषण दिया

दृष्टिकोण 2030 में देश के दिग्गज नेत्र चिकित्सकों में से पद्मश्री डॉ एस नटराजन मुंबई, डॉ एस डी विजय, डॉ राजेश तिवारी, डॉ सौरभ लूथरा, डॉ विकास मित्तल अंबाला, डॉ समरेश श्रीवास्तव डॉ वैशाली वासवदा जयपुर, डॉ तुष्य ओम प्रकाश अमृतसर, डॉ विनोद चावला, डॉ सुमीत जैन, डॉ सुधीर लूथरा, डॉ अनंत अग्रवाल, डॉ सुनील चतुर्वेदी, डॉ नरेंद्र खन्ना, डॉ आनंद वर्धन आदि ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

मिडिया के सवालों का जवाब देते हुए दृष्टि आई इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ॰ गौरव लूथरा ने कहा सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य ophthal कम्युनिटी में आई नई तकनीक एवं ज्ञान को साझा करना था। जिससे नई पीढ़ी के चिकित्सकों वा आमजन को अवगत कराया गया। आज के समय जब लोगों की दिनचर्या में शारीरिक गतिविधियाँ बहुत कम हो चुकी है और स्क्रीन टाईम बहुत बढ़ गया है, ऐसे में लोगों  को अपनी आंखो का ख्याल रखना बहुत आवश्यक है। खास कर छोटे बच्चों एवं अभिभावकों को इसमें खासा ध्यान रखने की आवश्यकता है।

 

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