चमोली जिले में उत्पाती बंदरों के खिलाफ अभियान जारी ; अब तक 850 बंदर भेजे हरिद्वार चिड़ियापुर
–-थराली से हरेंद्र बिष्ट–
उत्पाती बंदरों से निजात दिलाने के लिए बद्रीनाथ वन प्रभाग गोपेश्वर के 5 वन रेंजों में अब तक कुल 850 बंदरों को पकड़ कर चिड़ियापुर हरिद्वार भेज दिए गए हैं। अभियान अभी भी जारी है। उत्पाती बंदरों से आम जनता को निजात दिलाने के वन विभाग के प्रयासों की तमाम सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों एवं राजनीतिक दलों ने सराहना करते हुए कहा कि इससे किसानों को भारी लाभ मिलेगा और किसान फिर से खेती की ओर आकर्षित होगा।
दरअसल पिछले एक दशक से पिंडर घाटी के तीनों वन रेंजों में बंदरों एवं जंगली सुअरों के आंतक से जहां किसान खेती एवं फलोउत्पादन से विमुख होता जा रहा है।यही नहीं बंदरों के कारण बच्चों, महिलाओं को बाजारी क्षेत्रों में आना-जाना दुधर होता जा रहा हैं। तमाम मंचों पर बंदरों से निजात दिलाने की मांग के बाद बद्रीनाथ वन प्रभाग गोपेश्वर के प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश कुमार दुबे ने सरकार से बंदरों के बढ़ते आतंक से आम जनता को निजात दिलाने का ठोस प्रस्ताव बनाकर सरकार को भिजवाया जिस पर सरकार की सहमति मिलने के बाद अब तक कुल 850 बंदरों को पकड़ कर चिड़ियापुर भेजा जा चुका हैं
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बद्रीनाथ प्रभाग के नंदप्रयाग, चमोली, नारायणबगड़, थराली व देवाल वन रेंजों में इसी वर्ष अप्रैल महीने में 411 बंदरों को पकड़ा गया हैं। जबकि इस बार 10 सितंबर से आज तक पांचों वन रेंजों से 449 उत्पाती बंदरों को पकड़ कर चिड़ियापुर भेजा गया हैं। अभियान 30 सितंबर तक जारी रहेगा। चिड़ियापुर में बंदरों की संख्या अधिक होने के कारण उनका बंधियाकरण सहित क्वारिंटीन की अधिक व्यवस्था नही हो पाने के कारण 1अक्टूबर से अभियान रोकना पड़ रहा हैं। किंतु दीपावली के तुरंत बाद अभियान शुरू किया जाएगा।
सर्वेश कुमार दुबे
डीएफओ बद्रीनाथ(गोपेश्वर)
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क्षेत्र के सामाजिक संगठन जांगो हिमालय थराली के डायरेक्टर रमेश थपलियाल, संकल्प समिति थराली के निदेशक सुशील रावत, देवाल के पूर्व प्रमुख डीडी कुनियाल, नगर पंचायत थराली के पार्षद नंदू बहुगुणा, कृष्णपाल गुसाईं,तलवाड़ी के पूर्व क्षेपंस सुभाष पिमोली,ग्वालदम व्यापार संघ अध्यक्ष हरीश जोशी, कांग्रेसी नेता विनोद चंदोला आदि ने वन विभाग के द्वारा उत्पाती बंदरों को पकड़ने एवं उनका बंधियाकरण करने के कार्य की सराहना करते हुए डीएफओ बद्रीनाथ सर्वेश कुमार दुबे का आभार जताते हुए, इसी तरह से कोई कारगर उपाय कर बेतहाशा बढ़ रहें जंगली सूअरों से भी किसानों को निजात दिलाने की मांग की है।