एक भारत श्रेष्ठ भारत: छात्रों की एक राज्य से दूसरे राज्यों की यात्राएं शुरू
एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम अधिक पारस्परिक समझ को प्रोत्साहित करने के लक्ष्य के साथ, विभिन्न भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले विभिन्न संस्कृतियों के लोगों के बीच सक्रिय रूप से संबंध सुधारने का प्रयास करता है।भारत सरकार की योजना के तहत एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत मानव संसाधन मंत्रालय ने उत्तराखंड राज्य को कर्नाटक राज्य से जोड़ा है।भारत सरकार की योजना के तहत एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत मानव संसाधन मंत्रालय ने उत्तराखंड राज्य को कर्नाटक राज्य से जोड़ा है।
एक भारत श्रेष्ठ भारत (एककेएएम-ईबीएसबी) के भाग के रूप में जोड़ीदार राज्यों में छात्रों की यात्राओं को सुविधाजनक बनाने की पहल के तहत हिमाचल प्रदेश में शिमला के 50 छात्र केरल में कोच्चि का दौरा कर रहे हैं। इन 50 छात्रों में से 25 विद्यार्थी (13 लड़के व 12 लड़कियां) शिमला और ऊना के सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के 11वीं तथा 12वीं कक्षा के छात्र हैं जबकि 25 विद्यार्थी (15 लड़के एवं 10 लड़कियां) शिमला में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूआईटी) में बी.टेक के छात्र हैं। उनके साथ चार शिक्षक भी यात्रा पर होंगे। टीम 28 जून से 03 जुलाई 2022 तक कोच्चि में विभिन्न स्थानों का दौरा करेगी। एससीएमएस कोचीन स्कूल ऑफ बिजनेस उनकी मेजबानी करेगा।
कार्यक्रम के हिस्से के रूप में यह टीम प्रसिद्ध एएसआई स्मारकों तथा स्थानीय संग्रहालयों जैसे एदापल्ली में केरल इतिहास संग्रहालय, एर्णाकुलम में दरबार हॉल आर्ट गैलरी, थ्रिप्पुनिथुरा में हिल पैलेस संग्रहालय और थेवारा में केरल लोकगीत संग्रहालय का दौरा करेगी। इसके अलावा, समूह के लिए स्वदेशी कला और खेल के बारे में जानने के उद्देश्य से कलारीपयट्टू के एक विशेष सत्र की व्यवस्था की गई है। टीम जल संरक्षण गतिविधियों के बारे में जानने के लिए चलाकुडी में रासा गुरुकुलम, फोर्ट कोच्चि में परेड ग्राउंड और मट्टनचेरी ज्यू स्ट्रीट और कोच्चि मेट्रो के मुत्तम स्टेशन का भी दौरा करेगी।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के बीच गहरे रचनात्मक संपर्कों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देना है। यह राष्ट्र की मजबूती और एकता का एक महत्वपूर्ण कारक बनेगा । साथ ही, यह भारतीय शासन के संघीय ढांचे को भी मजबूती प्रदान करेगा । यह अभियान देश की विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं को पहचानने और उजागर करने में भी मदद करेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस (31 अक्टूबर 2015, सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म दिवस) पर इस पहल को शुरु करने की घोषणा की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मौजूदा सांस्कृतिक संबंधों के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में एकता को बढ़ावा देना हैं।