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Enhancing Urban Mobility: India’s Metro Rail Transformation : शहरी गतिशीलता बढ़ाना: भारत का मेट्रो रेल परिवर्तन

1950 के दशक में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री बिधान चंद्र रॉय द्वारा एक भूमिगत रेलवे प्रणाली की कल्पना की गई थी। 1971 – जन द्रुत परिवहन प्रणाली के निर्माण हेतु महायोजना तैयार की गई। 1972 – 1 जून को जन द्रुत परिवहन प्रणाली को मंजूरी प्रदान की गई। 1972 – मेट्रो रेलवे, कोलकाता की आधारशिला 29 दिसंबर को रखी गई। 1984 – 24 अक्‍टूबर को भारत की प्रथम मेट्रो के रूप में मेट्रो रेलवे, कोलकाता का शुभारंभ हुआ। कोलकाता मेट्रो में पहली मेट्रो 24 अक्टूबर 1984 को डैम डैम से टॉलीगंज के बीच चली। भारत में एक व्यापक मेट्रो नेटवर्क के लिए, 2017 में मेट्रो रेल नीति को प्रचालित किया गया 2014 से पहले भारत के केवल 5 शहरों में 229 किमी मेट्रो रेल नेटवर्क था पर अप्रैल 2023 तक 20 शहरों में 860 किमी मेट्रो रेल नेटवर्क संचालित है। ई श्रीधरन ने बहुत कम समय के भीतर दिल्ली मेट्रो के निर्माण का कार्य किसी सपने की तरह बेहद कुशलता और श्रेष्ठता के साथ पूरा कर दिखाया है।

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