नई व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए स्थानीय लोगों ने दी बद्रीनाथ बंद करने की चेतावनी
गोपेश्वर। बद्रीनाथ धाम के बाजार क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश रोके जाने से नाराज व्यापारी, हक-हकूकधारी और स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए। नई व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी और प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी मार्ग खोलने के साथ बद्रीनाथ महायोजना के प्रभावितों को शीघ्र मुआवजा और विस्थापन की मांग भी कर रहे थे। उन्होंने धाम में बिजली-पानी की व्यवस्था सुचारु नहीं होने का आरोप भी लगाया। बताया गया कि करीब एक घंटा बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने वहां पहुंचकर तीन दिन के भीतर मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब प्रदर्शन समाप्त किया गया। प्रदर्शनकारियों ने तय अवधि में मांगें पूरी नहीं होने पर एक मई को बद्रीनाथ बंद करने की चेतावनी दी है।
बीते वर्षों में बद्रीनाथ धाम के लिए यात्रियों के वाहनों की आवाजाही बाजार से होती थी। इस बार धाम में यातायात व्यवस्था सुचारु रखने के लिए किसी भी तरह के वाहन को बाजार में प्रवेश नहीं दिया जा रहा। सभी को जैन धर्मशाला से डायवर्ट कर बाईपास मार्ग होते हुए शेषनेत्र झील के पास निकाला जा रहा है। व्यापारी, हक-हकूकधारी और स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस व्यवस्था से बहुत कम यात्री बाजार पहुंच रहे है, जिसका असर व्यापार पर पड़ रहा है। पुरानी व्यवस्था की बहाली को आंदोलन किया जा रहा है, जिसमें साधु-संत भी शामिल हैं।
बद्रीनाथ व्यापार संघ के अध्यक्ष विनोद नवानी के नेतृत्व में आंदोलनकारियों ने साकेत तिराहा पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि धाम में महायोजना के कार्यों से पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कई रास्तों को बंद कर दिया गया है। खासतौर पर बाजार में वाहनों की बंद होने से व्यापार चौपट हो रहा है। एडीएम डा. अभिषेक त्रिपाठी और एसडीएम कुमकुम जोशी ने वहां पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से वार्ता की। सकारात्मक आश्वासन मिलने पर लोग प्रदर्शन समाप्त कर वापस लौटे। प्रदर्शन करने वालों में जमुना प्रसाद रैवानी, कृष्ण कांत कोटियाल, बिरेंद्र शर्मा, प्रमोद कोटियाल, रवि शर्मा, विनोद डिमरी आदि शामिल रहे।