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राज्य कैबिनेट के कुछ प्रमुख फैसले ; योजना आयोग की जगह अब नीति आयोग बनेगा, यात्रा के प्रबंधनके लिए अलग संगठन

—uttarakhandhimalaya.in –+

देहरादून 3 मई। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में बुधवार अपराह्न संपन्न राज्य कैबिनेट की बैठक में चारधाम यात्रा प्रबंधन एवं नियंत्र सगठन और नीति आयोग की तर्ज पर राज्य नीति आयोग के गठन का निर्णय लिया गया। कैबिनेट ने मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने की व्यवस्था के लिए भी प्रकोष्ठ के गठन का निर्णय लिया है। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण रोकने की भी व्यवस्था की गयी है।

राज्य कैबिनेट के कुछ प्रमुख फैसले ;

– सिलिकासेंड के रॉयल्टी को घटाया गया। पहले 300 रुपए थी अब 100 रुपए प्रति टन किया गया।

– बाजपुर चीनी मील के आधुनिकरण के लिए विभाग लोन लेगा जिसके लिए सरकार गारंटी देगी।

– कोषागार की नियमावली में किया गया संशोधन।

– पशुपालन विभाग के डॉक्टरों को अब 20 फ़ीसदी एनपीए का लाभ मिल पाएगा।

– पेरूल एकत्र करने वाले को 2 रुपए प्रति किलो के हिसाब से पैसा दिया जाता है लिहाजा सरकार ने इसे बनाकर 3 रुपए प्रति किलो के हिसाब से दिया जाएगा।

– पर्यटन विभाग में चारधाम यात्रा प्रबंधन एवं नियंत्रण संगठन का गठन किया गया। जिसके लिए 11 पद किए गए सृजित, जो चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को करेंगे दुरुस्त।

– चारा नीति को लेकर कैबिनेट ने नई उत्तराखंड चारा नीति को दी मंजूरी। अगले पांच साल तक करेगी काम।

– उत्तराखंड मुख्यमंत्री पशुधन मिशन योजना के तहत 125 वेटनरी हॉस्पिटल बनेंगे। इस मिशन में घोड़ा खच्चर को भी किया गया शामिल।

– संयुक्त प्रांतीय रक्षक दल को संशोधन के लिए कैबिनेट ने अध्यादेश को दी मंजूरी।

– नियोजन विभाग में भारत सरकार की तर्ज पर नीति बनाये जाने का निर्णय लिया है। नीति आयोग की तरह ही प्रदेश में बनेगा सेतु आयोग। जिसमे 6 सलाहकार होंगे और मुख्यमंत्री इसके चेयरमैन होंगे।

– मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत विदेश में युवाओं को रोजगार के लिए तमाम एजेंसी को सरकार हायर कर युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। खर्च में 20 फ़ीसदी खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। इसके साथ ही बाकी युवाओं को लोन लेना होगा, और उसके ब्याज का 75 फीसदी हिस्सा सरकार वहन करेगी।

– प्रदेश में बढ़ते ह्यूमन एनिमल कनफ्लिक्ट को देखते हुए सरकार ने एक प्रकोष्ठ गठित करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत मानव वन्यजीव निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा।

– सभी विभागों को दिए गए सख्त निर्देश, सभी विभाग अपने जमीनों का रखेंगे पूरा ब्यौरा।

– हर जिले में साइट सिलेक्शन कमेटी का किया जाएगा गठन। किसी भी सरकारी कार्यालय या विभाग के लिए यह कमेटी जगह को करेगी चिन्हित।

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