भारत स्मार्टफोन से लेकर लैपटॉप तक आईटी हार्डवेयर विनिर्माण में आगे बढ रहा है
India’s electronics manufacturing sector has grown exponentially over the past decade, with total production increasing from ₹2.4 lakh crore in 2014 to ₹9.8 lakh crore in 2024. Mobile manufacturing alone has reached ₹4.4 lakh crore, with exports at ₹1.5 lakh crore in 2024
By- Usha Rawat
भारत अब स्मार्टफोन से लेकर लैपटॉप तक, आईटी हार्डवेयर निर्माण में एक नए युग की ओर अग्रसर हो रहा है। हाल ही में चेन्नई में भारतीय कंपनी सिरमा एसजीएस टेक्नोलॉजी के अत्याधुनिक लैपटॉप असेंबली लाइन का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने किया। यह कदम न केवल भारत के आईटी हार्डवेयर निर्माण में आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा, बल्कि “मेड इन इंडिया” लैपटॉप की शुरुआत का भी प्रतीक है।
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ा है, जिसका कुल उत्पादन 2014 में 2.4 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 9.8 लाख करोड़ रुपये हो गया है । अकेले मोबाइल विनिर्माण 4.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि 2024 में निर्यात 1.5 लाख करोड़ रुपये था। भारत में उपयोग किए जाने वाले 98 प्रतिशत मोबाइल फोन अब भारत में निर्मित किए जा रहे हैं और स्मार्टफोन भारत से निर्यात की जाने वाली चौथी सबसे बड़ी वस्तु बन गई है।
सिर्मा एसजीएस के इस नए संयंत्र का उद्घाटन 18 महीनों के भीतर हुआ है, जब से PLI 2.0 योजना की शुरुआत हुई थी। यह तमिलनाडु में स्थित पहला यूनिट है, जो लैपटॉप निर्माण के क्षेत्र में कदम रख रहा है। इस पहल के साथ भारत अब अपने घरेलू बाजार के लिए लैपटॉप का निर्माण करने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर भी प्रतिस्पर्धा करेगा। यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो भारतीय आईटी हार्डवेयर निर्माण को नई दिशा प्रदान करेगा।
तमिलनाडु में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की विभिन्न योजनाओं के तहत इस मंत्रालय से समर्थित 47 से अधिक विनिर्माण इकाइयां हैं। यह राज्य बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का सबसे बड़ा लाभार्थी है, जहां पीएलआई 2.0 के तहत स्वीकृत 27 इकाइयों में से सात इकाइयां यहीं स्थित हैं । इस पहल के तहत पहली इकाई का उद्घाटन कल किया गया।
श्री अश्विनी वैष्णव ने उद्घाटन के दौरान कहा कि भारत को इलेक्ट्रॉनिक घटकों के पारिस्थितिकी तंत्र को भी स्वदेशी रूप से विकसित करना होगा। यह भारत के आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए जरूरी है। उनके अनुसार, यह कदम भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के क्षेत्र में एक सशक्त स्थान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
तमिलनाडु की भूमिका इस बदलाव में महत्वपूर्ण है। राज्य में MeitY (मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी) के समर्थन से इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण एक मजबूत पंख पकड़ चुका है। वर्तमान में, तमिलनाडु में ₹1.3 लाख करोड़ का उत्पादन हो चुका है और यह राज्य भारत के कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात का लगभग 30% योगदान देता है। यहाँ स्थापित किया गया इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC) और विभिन्न योजनाओं के तहत राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित हो रहा है, जो भारत के आईटी हार्डवेयर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और भी सशक्त बना रहा है।
PLI 2.0 योजना के तहत 18 महीनों में ₹10,000 करोड़ का उत्पादन हुआ है और 3,900 नई नौकरियाँ उत्पन्न हुई हैं। इस योजना ने भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को और सशक्त किया है और इसके तहत लैपटॉप, टैबलेट्स, सर्वर और अन्य IT उत्पादों का निर्माण भारत में किया जा रहा है। सरकार द्वारा दी गई 5% की प्रोत्साहन राशि से कंपनियाँ उत्पादन क्षमता बढ़ा रही हैं और नए उत्पादों का विकास कर रही हैं।
भारत की यह आईटी हार्डवेयर क्रांति सिर्फ उत्पादन क्षमता बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न कर रही है। जैसे-जैसे यह उद्योग बढ़ेगा, और अधिक उच्च तकनीकी कौशल वाले रोजगार सृजित होंगे, जो भारतीय युवाओं को नए अवसर प्रदान करेंगे।
सिरमा एसजीएस द्वारा स्थापित इस असेंबली लाइन से उत्पादित लैपटॉप्स उच्च गुणवत्ता के होंगे और इनका निर्माण वैश्विक मानकों के अनुरूप किया जाएगा। साथ ही, इन उत्पादों का निर्यात भी किया जाएगा, जिससे भारत की वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भागीदारी होगी।
देश में आईटी हार्डवेयर निर्माण के लिए PLI 2.0 योजना की सफलता अब स्पष्ट रूप से नजर आने लगी है। इस योजना के तहत भारत को न केवल आर्थिक लाभ हो रहा है, बल्कि देश को अपनी तकनीकी क्षमताओं में भी एक नया मुकाम हासिल हो रहा है। PLI 2.0 के माध्यम से भारत स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट और अन्य आईटी उत्पादों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनता जा रहा है, और साथ ही यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भी अपनी मजबूती दिखा रहा है।
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र के लिए यह समय महत्वपूर्ण अवसरों का है। सरकार की नीतियों और योजनाओं की सफलता के साथ, भारत का आईटी हार्डवेयर निर्माण क्षेत्र न केवल अपने घरेलू बाजार के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक मजबूत प्रतिस्पर्धी बन कर उभर रहा है।