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बद्रीनाथ यात्रा की उलटी गिनती शुरु मगर गौचर हवाई पट्टी अब भी सूनी

–गौचर से दिग्पाल गुसांईं–
बद्रीनाथ यात्रा शुरू होने में अब मात्र चार दिन शेष रह गए हैं। जनपद चमोली की गौचर हवाई पट्टी पर हवाई जहाज सेवा शुरू करने की जिस प्रकार से कोई हलचल नहीं दिखाई दे रही है इससे ऐसा प्रतीत होता है कि इस बार भी यात्रियों को हवाई जहाज सेवा नसीब नहीं हो पाएगी।

सामरिक व पर्यटन की दृष्टि से कास्तकारों की अति उपजाऊ जमीन को कंक्रीट के जंगल में तब्दील कर वर्ष 2000 में बनकर तैयार जनपद चमोली की गौचर हवाई पट्टी पर आजतक हवाई जहाज सेवा शुरू नहीं की जा सकी है। हवाई पट्टी के लिए जमीन अधिग्रहण करते समय जब कास्तकारों ने इसका विरोध किया तो मामला हाईकोर्ट की दहलीज तक पहुंच गया था। तब तत्कालीन सरकार ने कोर्ट में दलील थी कि जनपद चमोली सीमांत जनपद है। इसलिए गौचर हवाई पट्टी का सामरिक व पर्यटन की दृष्टि से बनाया जाना अति आवश्यक है। सरकार की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही के आदेश दे दिए थे।इस आदेश के बाद सरकार ने क्षेत्र के कास्तकारों के साथ किए वायदे भी हाशिए में डाल दिए थे। लहलहाती फसल पर जबरन डोजर चलाकर जमीन अधिग्रहण कर वर्ष 2000 में बनकर तैयार गौचर हवाई पट्टी पर आजतक हवाई जहाज सेवा शुरू नहीं की जा सकी है। इससे इसके औचित्य पर भी सवाल उठने लगे हैं। मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत ने एक साथ बनी पिथौरागढ़ की नैनीसैनी, उत्तरकाशी की चिन्यालीसौड़ तथा चमोली की गौचर हवाई पट्टी पर हवाई जहाज सेवा शुरू करने के लिए राज्य के नौ सीटर हवाई जहाज को प्रचार प्रसार के लिए चलाना शुरू किया तो विपक्ष हरीश रावत की इस पहल का मखौल उड़ाते नहीं थक रहा था।अब 1450 मीटर लंबी इस हवाई पट्टी पर 2021 से उड़ान योजना के तहत हैलीकॉप्टर सेवा चलाई जा रही है।जो लोगों के लिए महंगा सफर होने की वजह से अति आवश्यक होने पर ही लोग इसका उपयोग कर पा रहे हैं। हालांकि समय समय पर सरकारें गौचर हवाई पट्टी पर हवाई जहाज सेवा चलाने के लिए एक पहाड़ी को अवरोधक बताती आ रही है। मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत की सरकार ने गैरसैंण में आयोजित कैबिनेट की बैठक में इस पहाड़ी को काटने का प्रस्ताव भी पारित किया था। लेकिन कारण जो भी रहा हो इस प्रस्ताव को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। गौचर हवाई पट्टी पर जब 29 नवंबर 2008 को पहली बार नौ सीटर स्टेट प्लेन ने पहली बार लैंडिंग की तो उम्मीद जगने लगी थी कि अब गौचर हवाई पट्टी के दिन बहुरने लगेंगे।तब विंग कमांडर सचान व रिजवी ने एक साक्षात्कार में कहा था कि इस हवाई पट्टी पर 30 सीटर ए टी आर विमान आराम से उतारा जा सकता है। बावजूद इसके राज्य में सरकार किसी की भी रही तो इस हवाई पट्टी पर हवाई जहाज सेवा शुरू करने के लिए तरह तरस के बहाने बनाए जाते रहे हैं। इससे पर्यटन व्यवसाय को भी भारी झटका लगा है। बहरहाल केदारनाथ यात्रा शुरू होने में मात्र एक दिन तथा बद्रीनाथ यात्रा शुरू होने में तीन दिन शेष रह गए हैं। और गौचर हवाई पट्टी पर हवाई सेवा शुरू करने के लिए जिस प्रकार से कोई हलचल होती नहीं दिखाई दे रही है इससे प्रतीत होता है कि इस बार भी यात्रियों को हवाई सेवा नसीब नहीं हो पाएगी। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मुकेश नेगी,नगर अध्यक्ष सुनील पंवार का कहना है कि गौचर हवाई पट्टी पर हवाई जहाज सेवा शुरू करने का आगामी यात्रा सीजन सुनहरा मौका है। लेकिन करोड़ों रुपए खर्च कर बनाई गई गौचर हवाई पट्टी पर वर्तमान सरकार हवाई जहाज सेवा चलाना ही नहीं चाहती है।

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