शिक्षा/साहित्य

टीएमयू में नई शिक्षा नीति के तहत ग्रेडिंग सिस्टम लागू

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक डा. प्रदीप अग्रवाल ने आउटरीच एंड एक्सटेंशन एक्टिविटीज सेल की ओर से आयोजित अतिथि व्याख्यान में यूनिवर्सिटी परीक्षा प्रक्रिया विस्तार से बताई

 

मुरादाबाद, 12   जनवरी  ( भाटिया )। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी नई शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन को लेकर बेहद संजीदा है। एनईपी के तहत यूनिवर्सिटी में 2022-2023 सत्र से ग्रेडिंग सिस्टम को लागू कर दिया गया है। यह जानकारी यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक डाॅ. प्रदीप अग्रवाल ने दी। डाॅ. अग्रवाल तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के आउटरीच एंड एक्सटेंशन एक्टिविटीज सेल की ओर से यूनिवर्सिटी परीक्षा प्रक्रिया पर आयोजित गेस्ट लेक्चर में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। डाॅ. अग्रवाल ने ग्रेड कैलकुलेट और अवार्ड करने की प्रक्रिया बताई। साथ ही उन्होंने एग्जामिनेशन फाॅर्म फिल करने से लेकर माक्र्ससीट जारी करने तक की आॅनलाइन प्रक्रिया को भी क्रमवार तरीके से डिटेल में समझाया। इस गेस्ट लेक्चर में टिमिट, डेंटल, नर्सिंग, फिजियोथैरेपी, पैरामेडिकल, फार्मेसी, सीसीएसआईटी, फैकल्टी आॅफ इंजीनियरिंग, लाॅ काॅलेज आदि की परीक्षा प्रक्रिया से जुड़े करीब 50 टीचर्स ने शिरकत की। इससे पूर्व डाॅ. अग्रवाल का बुके देकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन आउटरीच एंड एक्सटेंशन एक्टिविटीज सेल के ज्वाइंट डारेक्टर डाॅ. अमित शर्मा ने किया।

डाॅ. अग्रवाल ने इंटरनल और एक्सटर्नल एग्जाम के संचालन और के्रडिट एंड क्राइटेरिया पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने एक्सटर्नल एग्जाम में अनफेयर मीन्स- यूएफएम के नियमों की जानकरी देने के साथ-साथ अलग-अलग कोर्सेज में विभिन्न विषयों में ग्रेस माक्र्स के तौर-तरीके भी बताए। उन्होंने स्पष्ट किया, किस कोर्स में कितने विषयों में कितने ग्रेस अंक दिए जा सकते हैं। उल्लेखनीय है, यूनिवर्सिटी में ग्रेस का पैमाना फार्मेसी, नर्सिंग, डेंटल काॅलेजों, जबकि दीगर यूनिवर्सिटी के काॅलेजों में अलग-अलग है। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग का काम पूर्णतः आॅटोमेटेड हो चुका है। परीक्षा फार्म भरने से लेकर माक्र्ससीट जारी  करने की सभी प्रक्रियाएं आॅनलाइन हैं। यूनिवर्सिटी में करीब 32 कार्यक्रमों में पीएचडी करने की सुविधा है, लेकिन इसके लिए प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। टीएमयू में हर साल दो बार-जनवरी और जुलाई में पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन होता है।

 

 

 

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