सरकार के एक साल के कार्यकाल में कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र की हुई सबसे ज्यादा दुर्दशा
–राजेंद्र शिवाली
भाजपा सरकार के एक साल के कार्यकाल में कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र की सबसे अधिक दुर्दशा हुई है। यूं तो कोटद्वार विधायक एवं विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विकास के बड़े बड़े दावे किए जा रहे हैं। अधिकारियों के साथ बैठकें कर आदेश निर्देश दिए जा रहे हैं, लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों है। हालत यह है कि सड़कों की हालत बद से भी बदतर हो गई है। कोई सड़क गड्ढा मुक्त नहीं है। ट्रचिंग ग्राउंड का निदान नहीं हो पाया है। भीषण गर्मी में झूला पुल और आसपास के लोग दुर्गन्ध भरे वातावरण में सांसे ले रहे हैं। कोडियां चेक पोस्ट पर सौन्दर्यकरण के नाम पर आज तक एक ईंट नहीं लगी है।
गढ़वाल कुमाऊं को जोड़ने वाली, गढवाल कुमाऊं की लाइफ लाइन लालढांग चिल्लरखाल मोटर मार्ग राजनैतिक महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़कर रह गया है। याद नहीं, कितनी बार इस मार्ग का शिलान्यास व लोकार्पण पूर्व और पैराशूट मंत्री कर चुके हैं। विद्युत विभाग द्वारा अघोषित विद्युत कटौती की जा रही है। कोटद्वार का बेस अस्पताल आज भी रेफर सेन्टर बना हुआ है। डाक्टर 11 बजे से पहले अपने केबिन में नहीं बैठते हैं। कई डाक्टरों की प्राइवेट नर्सिंग होम में सेटिंग है और कई डाक्टर मरीजों को घर पर देखने को मजबूर करते हैं।
कोटद्वार नजीबाबाद रोड की हालत किसी से छिपी हुई नहीं है। लोग गड्ढों में हिचकोले खा रहे हैं। कोटद्वार बाई पास मार्ग पर भी जिस थीमी गति से काम हो रहा है। लगता नहीं कि व अगले चार साल में पूरा हो सकेगा। भाबर की नदियों के अब तक पट्ठे न होने से सम्बंधित अधिकारियों के सरंक्षण में अवैध खनन जारी है, जिसके चलते सरकार को प्रति माह लाखों रुपए का चूना लग रहा है, जबकि नैनीताल हाईकोर्ट के अवैध खनन रोकने के सख्त निर्देश हैं। खनन पट्टे न होने से भवन बनाने वालों को ऊंचे दामों पर रेत, बजरी व पत्थर आदि ख़रीदना पड़ रहा है।
पूर्व सभासद महेश नेगी का कहना है कि किसी भी पार्टी को पैराशूट प्रत्याशी को कोटद्वार विधानसभा में न उतारकर स्थानीय व्यक्ति को ही टिकट दिया जाना चाहिए। नगर कांग्रेस अध्यक्ष भी पैराशूट प्रत्याशी का विरोध करते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान विधायिका द्वारा भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है और सिर्फ अपने खास चहेतों को ही लाभ पहुंचाया जा रहा है।