स्नातकोत्तर महाविद्यालय नागनाथ में आनलाईन संस्कृत व्याख्यान माला का हुआ आयोजन
-पोखरी से राजेश्वरी राणा –
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नागनाथ पोखरी में संस्कृत विभाग एवं उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार के संयुक्त तत्वाधान में ऑनलाइन व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। जिसका विषय कालिदास के ग्रन्थों में भारतीय संस्कृति,था ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नागनाथ पोखरी के प्राचार्य प्रोफेसर पंकज पंत द्वारा की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गुप्तकाशी के प्राचार्य प्रोफेसर पी एस जगवाण ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार की व्याख्यानमालाओ के आयोजन से समाज में संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार मे मदद मिलेगी ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर के. एस. सतीश राष्ट्रीय संस्कृत अकादमी विश्वविद्यालय तिरुपति आंध्र प्रदेश द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया की कालिदास के ग्रन्थों में प्रेरणाप्रद सांस्कृतिक तत्वों का चिंतन समाहित है जो कि आधुनिक वर्तमान समाज के लिए अनुग्रहणीय है ।
कार्यक्रम के सह वक्ता डॉक्टर मृगान्क मलासी, राजकीय महाविद्यालय कर्णप्रयाग ने कहा कि कालिदास के ग्रन्थों में सांस्कृतिक तत्व वर्तमान समाज के लिए अत्यधिक उपयोगी है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ0 प्रकाश चंद्र जागी, राजकीय महाविद्यालय शीतला खेत अल्मोड़ा द्वारा कहा गया कि कालिदास के ग्रन्थों में प्राप्त सांस्कृतिक चिंतन वर्तमान साहित्यिक कवियों के लिए भी अनुकरणीय है। उन्होंने अंत में संस्कृत विषय पर दिनकर जी की कविता संस्कृत के कर अध्याय की कुछ पंक्तियों से अपने वक्तव्य का समापन किया ।
कार्यक्रम के मार्गदर्शक उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार के सचिव एसपी खाली ने कहा कालिदास की श्रेष्ठता, कवित्व, विशिष्टता,पर अपना व्याख्यान दिया उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार की शोधाधिकारी डा0 हरीशचंद्र गुरुरानी ने कालिदास की कृतियों में संस्कृतिक चेतना एव वर्तमान समय मे संस्कृत की उपादेयता विषय पर अपना व्याख्यान दिया ।
कार्यक्रम के अध्यक्ष राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नागनाथ पोखरी के प्रार्चाय प्रोफेसर पकज पत ने कालिदास के साहित्य की उत्कृष्टता एव कवित्व शैली को वर्तमान तथा वैदिक युग से जोडते हुए अपना वक्तव्य दिया । कार्यक्रम का संचालन संस्कृत विभाग के प्राध्यापक डा0 प्रवीण मैठाणी ने किया ।
इस अवसर पर हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ0 नन्द किशोर चमोला,डा संजीव कुमार जुयाल,डा आयुष वर्तवाल, सहित तमाम प्राध्यापक ,प्राधयापिकाये छात्र छात्राएं मौजूद थे ।