वैज्ञानिकों ने सूचना सिद्धांत से क्वांटम सिद्धांत की गणितीय संरचना को पुनर्निर्मित किया गया

Spread the love

—uttarakhandhimalaya.in—

वैज्ञानिकों ने एक से अधिक उपतंत्रों से मिलकर बनी समग्र क्वांटम प्रणालियों की गणितीय संरचना का सैद्धांतिक तर्काधार ढूँढ़ लिया है।

सूक्ष्म विश्व में भौतिक घटनाओं का वर्णन करने वाले क्वांटम यांत्रिकी का सिद्धांत को 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में ब्लैक-बॉडी रेडिएशन कर्व, फोटो विद्युतीय (इलेक्ट्रिक) प्रभाव जैसे प्रायोगिक अवलोकनों को समझाने के लिए उस समय विकसित किया गया था जब जर्मन भौतिक विज्ञानी मैक्स प्लैंक ने भौतिक प्रयोगों के माध्यम से यह प्रदर्शित किया था कि ऊर्जा, कुछ स्थितियों में भौतिक गुणधर्मों का प्रदर्शन कर सकती है। बाद में अल्बर्ट आइंस्टीन, नील्स बोहर, लुइस डी ब्रोगली, इरविन श्रोडिंगर और पॉल एम डिराक जैसे वैज्ञानिकों ने क्वांटम यांत्रिकी के लिए प्लैंक के सूक्ष्म दुनिया के सबसे सटीक गणितीय सिद्धांत को और समृद्ध किया । भौतिक रूप से प्रेरित अभिधारणाओं पर निर्मित अन्य भौतिक सिद्धांतों के विपरीत, क्वांटम यांत्रिकी अमूर्त गणितीय स्वयंसिद्ध धारणा के साथ शुरू होती है। उदाहरण के लिए, सापेक्षता के विशेष सिद्धांत (स्पेशियल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी) की दूसरी अभिधारणा कहती है कि कोई भी सूचना समान गति से तेजी से यात्रा नहीं कर सकती है, जबकि क्वांटम यांत्रिकी इस स्वयंसिद्ध धारणा के साथ शुरू होती है कि एक भौतिक प्रणाली की स्थिति को कॉम्प्लेक्स सेपरेबल हिल्बर्ट स्पेस में एक वेक्टर  द्वारा वर्णित किया जाता है।

एक बेहतर भौतिक समझ के लिए उत्कंठित वैज्ञानिक अभी भी क्वांटम सिद्धांत की गणितीय संरचना को फिर से निर्मित करने के लिए निरंतर ऐसे प्रयास कर रहे हैं जो भौतिक रूप से प्रेरित अभिधारणाओं से शुरू होते हैं । पिछली शताब्दी की अंतिम तिमाही के दौरान, क्वांटम सूचना सिद्धांत का आगमन होना इस ‘पुनर्निर्माण कार्यक्रम’ के प्रति एक नए दृष्टिकोण को जोड़ता है।

हाल ही में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, एस.एन. बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक्स साइंसेज, कोलकाता के शोधकर्ताओं ने इस प्रयास में एक अति रोचक परिणाम स्थापित किया है। डॉ. माणिक बानिक और उनके समूह ने एक नए सूचना सिद्धांत, जिसे इनफार्मेशन कैजुएलिटी का सिद्धांत कहा जाता है, की यह देखने के लिए सहायता ली कि कई क्वांटम वस्तुओं को अपने में समाहित करने वाली समग्र क्वांटम प्रणाली के लिए किस तरह के विवरण स्वाभाविक रूप से अस्वीकृत होते हैं।

फिजिकल रिव्यू लेटर्स में प्रकाशित एक नवीनतम शोध लेख ने यह सिद्ध किया है कि विभिन्न गणितीय संभावनाओं के बीच क्वांटम संरचना नियम के चयन में सूचना करणीयता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वास्तव में, सूचना करणीयता (इनफार्मेशन कैजुएलिटी) ऐसे किसी भी रचना नियम को अस्वीकार कर सकती है जो इस अर्थ में हमारी शास्त्रीय विश्वदृष्टि के करीब है कि परिणामी सिद्धांत केवल शास्त्रीय- रूप से समान सहसंबंधों [बेल स्थानीय सहसंबंधों (लोकल को-रिलेशन्स) की अनुमति देगा । यह क्वांटम यांत्रिकी की गणितीय संरचना को प्राप्त करने में अन्य सिद्धांतों पर सूचना करणीयता को विजेता बनाता है । एसएनबीएनसीबीएस से डॉ. बनिक और उनके समूह द्वारा किया गया यह कार्य इस प्रकार क्वांटम थ्योरी की गणितीय संरचना के अनूठे भौतिक औचित्य को दर्शाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!