सुरक्षा

समुद्र में नौसेना के कमांडरों का सम्मेलन आज से : तेजी से बदलते समुद्री माहौल में भावी रणनीति होगी तय

The Conference, an annual event of paramount importance, serves as a platform for Naval Commanders to deliberate on strategic, operational, and administrative matters concerning maritime security. -File photo of 2023 confrence
uttarakhand himalaya.in
नयी दिल्ली, 5 मार्च। वर्ष 2024 में नौसेना के कमांडरों के सम्मेलन का पहला संस्करण आज 05 मार्च से प्रारंभ हो रहा है। इस बार यह सम्मेलन हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित किया जा रहा है, जिसका पहला चरण समुद्र में आयोजित किया जा रहा है।  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में उन दोनों विमानवाहक पोतों को देखने के लिए समुद्र में उतरेंगे, जो भारतीय नौसेना की ‘ट्विन कैरियर ऑपरेशंस’ संचालित करने की क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।
यह सम्मेलन वार्षिक रूप से आयोजित होने वाला एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जो नौसेना के कमांडरों के लिए समुद्री सुरक्षा से संबंधित रणनीतिक गतिविधियों, परिचालन एवं  प्रशासनिक मामलों पर विचार-विमर्श करने के उद्देश्य से एक मंच के रूप में कार्य करता है। यह सम्मेलन उभरती हुई भू-राजनीतिक परिस्थितियों, आंचलिक चुनौतियों और इस क्षेत्र में मौजूदा अस्थिर समुद्री सुरक्षा स्थिति की पृष्ठभूमि में आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन भारतीय नौसेना द्वारा भविष्य की कार्यप्रणाली को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे। सम्मेलन के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ व भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के प्रमुखों के अलावा नौसेना के कमांडरों के साथ भी सामान्य राष्ट्रीय सुरक्षा माहौल सुनिश्चित रखने में तीनों सेनाओं के सम्मिलन पर चर्चा करेंगे। वे देश में तथा भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा में तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और तत्परता बढ़ाने के अन्य उपाय भी ढूंढेंगे।

पिछले छह महीनों में इजरायल-हमास के बीच चल रहे संघर्ष के कारण हिंद प्रशांत क्षेत्र में भू-राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए हैं। अन्य देशों के रणनीतिक संरेखण के परिणामस्वरूप स्थलीय रूप से होने वाली गतिविधियां समुद्री क्षेत्र में भी फैल चुकी हैं। व्यापारिक जहाजों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों के साथ-साथ समुद्री डकैती की घटनाओं में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। भारतीय नौसेना ने इन उभरते खतरों का अपने सामर्थ्य एवं संकल्प के साथ करारा जवाब दिया है और प्राथमिक प्रत्युत्तरकर्ता के रूप में अपनी क्षमता व ‘क्षेत्र में पसंदीदा सुरक्षा भागीदार’ के रूप में अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है।

नौसेना कमांडरों का सम्मेलन भारतीय नौसेना का एक अभूतपूर्व कार्यक्रम है, जो तेजी से परिवर्तित हो रहे समुद्री माहौल के बीच नौसेना के भविष्य की दिशा तय करने के लिए एक निर्णायक भूमिका निभाता है। यह सम्मेलन रणनीतिक स्पष्टता, परिचालन उत्कृष्टता, तकनीकी नवाचार और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देकर भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने तथा क्षेत्र में एक जिम्मेदार समुद्री ताकत के रूप में अपनी स्थिति को बनाए रखने के लिए नौसेना की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

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