अब राष्ट्रीय राजमार्ग के इर्दगिर्द रोजगार कर रहे करोड़ों लोगों को हटाने हेतु आदेश जारी

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– अनन्त आकाश

मंहगाई ,बेरोज़गारी तथा भ्रष्टाचार दूर करने के नारे के साथ सत्ता में आयी मोदी सरकार की असलियत अब खुलकर सामने आ चुकी है, हाल के दिनों सरकार ने सैकड़ों की संख्या में पुराने कानून सिर्फ इसलिए बदले कि वह ऐनकेन प्रकारेण देश -विदेश‌ के चन्द कॉरपोरेट घरानों को हर तरह से लाभ पहुंचाया जा सके । अब तक साबित हो चुका है कि मोदी सरकार की गिध्द दृष्टि सार्वजनिक प्रतिष्ठानों, वर्षों की मेहनत से खड़ी देश की अकूत सम्पत्ति पर है । यूँ  कहें कि मोदी सरकार ने कॉरपोरेट व अपने विदेशी आकाओं के हित में सबकुछ उलट पलट कर रख दिया है ।अन्धराष्ट्रवादी इसे देश हित का कार्य कह रहे हैं ।वे तरह – तरह के कुतर्क पेश कर आमजन को गुमराह करने में लगे हुये हैं ।

आज मोदी सरकार का प्रति वर्ष दो करोड़ रोजगार तथा काले धन की वापसी के वायदे का सच आमजन के सामने है । पहले से रोज़गार में लगे करोड़ों लोगों का रोजगार भी इस सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते छिना जा चुका है । विदेशों से देश का कालाधन वापस लाने के वायदा पूरा करने के बजाय पहले के मुकाबले विदेशों में कई गुना काला धन जमा हुआ है जिनमें कॉरपोरेट तथा सरकार के करीबी लोगों बड़ा हिस्सा है ।
दिल्ली सीमा पर चले तीन कृषि विरोधी बिलों का विरोध कर रहे किसानों की भरपूर सहायता करने वाला राणा ढाबा बीते सालों काफी सुर्खियों में रहा ।इस ढाबे के सामने पुलिस द्वारा बैरेकेटिंग मोदी सरकार की सुरक्षित यात्रा के नाम पर देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों के इर्दगिर्द लगभग सभी छोटे बड़े कारोबारियों को हटाने के लिये बना वर्ष 26 जून 2020 का कानून लागू करने की शुरुआत भर थी । जिसके तहत राष्ट्रीय राजमार्गों, पहाड़ी मार्गों पर विदेशों कि तर्ज पर कारोबारी सरकार तथा निजी कम्पनियों को मोटी रकम चुका कर ही अपना रोज़गार चला पायेंगे यानि कि अब खाने के ढाबे से लेकर चाय, फल, सब्जी, गन्ने का रस इत्यादि छोटी – छोटी दुकाने या तो नदारद हो जायेंगी या फिर नये कानून के तहत जोर जबरदस्ती हटाई जाऐंगी ।

इस प्रकार सड़कों के इर्द गिर्द रोज़गार कर रहे करोड़ों करोड़ लोग बेरोज़गार हो जाऐंगे । इनमें से अगर कोई रोज़गार करना भी चाहेगा तो उसे भारी भरकम रकम जो कि 10 लाख से 20 लाख से भी अधिक होगी चुका कर उसे अपना व्यावसायिक ढांचा फिर से तैयार करना होगा तब जाकर बिरले ही अपना रोज़गार कर पायेंगे । इस प्रकार लाखों लाख परिवार भुखमरी के जद में आ जायेंगे , इनके स्थान पर विदेशी व बडे़ कारपोरेट घराने स्थान ले लेंगे व अब तक जनता को मिल रही सुविधाएं कई गुना मंहगी हो जाऐंगी ।इस प्रकार सुरक्षित यात्रा की आड़ में आम आदमी लुटेगा ।

पहले से ही मंहगाई व पैट्रो मूल्यबृध्दि की मार झेल रहे देशवासियों को इन राजमार्गों पर टोलप्लाजा टैक्स के बाद अब मंहगा भोजन खरीदने के लिए वाध्य होना पड़ेगा । इस प्रकार आमजन के लिए यह सफर और भी ज्यादा मंहगा होने जा रहा है । एक‌ अनुमान के‌ अनुसार देशभर एक साथ पांच करोड़ लोग प्रभावित होगे जो सदियों से इस कारोबार से जुड़े हुऐ हैं ।मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के परिणामस्वरूप आमजन त्रस्त है । उस पर राष्ट्रीय राजमार्ग मन्त्रि नितिन गडकरी का राज्यों को गोपनीय पत्र निश्चित तौर पर लोगों की समस्या बढ़ायेगा । इन नीतियों के खिलाफ देशभर के लोगों को संगठित होकर संघर्ष चलाने की आवश्यकता है ।

(नोट : – ये लेखक के निजी विचार हैँ जिनसे एडमिन का सहमत होना जरूरी नहीं है। )

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