पर्यावरण

वन्य जीवों के अवैध व्यापार के मामलों में नहीं हुयी कोई वृद्धि

 

India has a strong legal and policy framework to regulate and restrict wildlife trade. Trade in over 1800 species of wild animals, plants and their derivative is prohibited under the Wildlife (Protection) Act, 1972.

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर। वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के पास उपलब्ध रिकॉर्ड और राज्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा रिपोर्ट और उपलब्ध कराए गए मामलों के आधार पर, पिछले तीन वर्षों के दौरान वन्य जीव में अवैध व्यापार के मामलों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है।

यह जानकारी केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

उन्होंने बताया की अवैध वन्य जीव व्यापार पर नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदम निम्नलिखित हैं:

  1. वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में वन्य जीवन के बेहतर संरक्षण के लिए समय-समय पर संशोधन किया गया है।
  2. वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो की स्थापना वन्य जीव और उनसे जुड़े उत्पादों के अवैध व्यापार पर नियंत्रण के लिए की गई है।
  3. वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो इंटरपोल के साथ समन्वय करते हुए वैश्विक संचालन में भाग लेता है।
  4. वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो वन्य जीव अपराध से निपटने के लिए राज्य पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों सहित प्रवर्तन एजेंसियों के लिए संवेदनशीलता और क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करता है।
  5. भारत वन्य जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (सीआईटीईएस) का एक हस्ताक्षरकर्ता है, जो वन्य जीवन और उसके व्युत्पन्नों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नियंत्रित करता है।
  6. सीआईटीईएस के प्रावधानों को वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में शामिल किया गया है।
  7. वन्यजीव और उनके आवास के बेहतर संरक्षण और प्रबंधन के लिए, वन्यजीव आवास के एकीकृत विकास की केंद्र प्रायोजित योजना के अंतर्गत राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है।
  • viii. बाघों और उनके आवास के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना की गई है।

पिछले तीन वर्षों के दौरान अवैध वन्यजीव व्यापार के संबंध में विभिन्न राज्यों में की गई गिरफ्तारियों की जानकारी वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के पास उपलब्ध है, जो अनुलग्नक में दी गई है। इसके अलावा, अवैध वन्यजीव व्यापार के संबंध में विभिन्न राज्यों में विभिन्न प्राधिकारियों द्वारा जब्त की गई संपत्तियों का ब्यौरा मंत्रालय के स्तर पर एकत्र नहीं किया जाता है।

अनुलग्नक

पिछले तीन वर्षों के दौरान वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के पास उपलब्ध अवैध वन्यजीव व्यापार के संबंध में विभिन्न राज्यों में की गई गिरफ्तारियों का विवरण

क्रम संख्या राज्य गिरफ्तार आरोपियों की संख्या
2021-22 2022-23 2023-24
1 आंध्र प्रदेश 12 2
2 अरुणाचल प्रदेश 1
3 असम 38 31 19
4 बिहार 13 5 11
5 छत्तीसगढ 15 19 10
6 दिल्ली 13 8 4
7 गोवा 3
8 गुजरात 2 15 15
9 हरियाणा 5 1
10 हिमाचल प्रदेश 7 3 1
11 जम्मू एवं कश्मीर 1 7
12 झारखंड 2 9 5
13 कर्नाटक 8 21
14 केरल 20 3 14
15 मध्य प्रदेश 46 40 31
16 महाराष्ट्र 38 18 15
17 मणिपुर 5 1
18 मेघालय 4 3
19 मिजोरम 2
20 नगालैंड 2
21 ओडिशा 25 30 19
22 पंजाब 2 1
23 राजस्थान 12 10 7
24 तमिलनाडु 30 40 29
25 तेलंगाना 3 4 1
26 उतार प्रदेश 45 22 24
27 उत्तराखंड 4 10 17
28 पश्चिम बंगाल 49 28 38

 

 

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