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उत्तरायण का सूर्य आपके स्वप्नों को नई ऊष्मा प्रदान करें

 

माघे मासे महादेव: योदास्यति घृतकम्बलम।
स भुक्त्वा सकलानभोगान अन्तेमोक्षं प्राप्यति॥

 

-शीशपाल गुसाईं –

“जो व्यक्ति माघ माह में भगवान महादेव (शिव) की पूजा करता है और घी तथा कंबल का दान देता है, वह व्यक्ति सभी सांसारिक सुखों का भोग करके अंत में मोक्ष प्राप्त करता है।” अर्थात, इस श्लोक के अनुसार, माघ महीने में शिव की पूजा और दान से व्यक्ति न केवल जीवन में सभी प्रकार के सुखों को प्राप्त करता है, बल्कि अंत में उसे मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। इसे धार्मिक दृष्टिकोण से भक्ति और दान की महत्ता का उदाहरण माना जाता है।

माघ मास का प्रमुख पर्व मकर संक्रांति है, जिसे पूरे देश में विभिन्न नामों और तरीकों से मनाया जाता है। यह पर्व फसल के कटाई के समय के रूप में मनाया जाता है, जो कृषि जीवन का आधार है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है, और इसके साथ ही नए उत्साह और ऊर्जा की शुरुआत होती है। यह समय न केवल भौतिक उपार्जन का संकेत है, बल्कि आध्यात्मिक उत्थान का भी प्रतीक है। जैसा कि शुभकामनाओं में कहा गया है, “उत्तरायण का सूर्य आपके स्वप्नों को नई ऊष्मा प्रदान करें,” यह संदेश हमें प्रेरित करता है कि हमें अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते रहना चाहिए। जब सूर्य उत्तरायण होता है, तब यह समय सकारात्मकता, नई शुरुआत और उन्नति का होता है।

इस पर्व के मौके पर, हम अपने परिवारों के साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं, एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं और प्रेम एवं सहयोग की भावना को बढ़ावा देते हैं। उत्तराखंड के लोक पर्व घुघुतिया, जो की माघ मास में मनाया जाता है, स्थानीय संस्कृति की पहचान है। इसमें गायन, नृत्य और सामूहिक भोज का आयोजन होता है, जो सामाजिक एकता और भाईचारे को प्रबल करता है। माघ मास हमें याद दिलाता है कि साधना, त्याग और आराधना के माध्यम से हम अपने आत्मिक उत्थान की ओर अग्रसर हो सकते हैं। यह महादेव की कृपा और सूर्य की ऊर्जा का मिलन है, जो हमें जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्रदान करता है। इसी क्रम में, हम सभी को अपने जीवन में स्वास्थ्य, यश और दीर्घायु की कामना करते हुए एक नया अध्याय आरंभ करने की प्रेरणा मिलती है।

मकर संक्रांति और घुघुतिया पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं, सभी को सुख और समृद्धि प्राप्त हो।

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सादर
शीशपाल गुसाईं
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