भाजपा ने देश में अराजकता के लिए विपक्ष की तुष्टिकरण की नीति को जिम्मेदार बताया
देहरादून 5 जुलाई (उही)। भाजपा ने कॉंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष द्धारा उदयपुर की घटना के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराने वाले बयान को तथ्यों से परे बताया। उन्होने कहा कि उदयपुर ही नहीं अमरावती व अन्य जगह पर अंजाम दी जाने वाली इन नृसंस हत्याओं के पीछे अहम कारण, कॉंग्रेस की तुष्टीकरण की नीति है |
चौहान ने आरोप लगाया कि आज़ादी के समय से ही कॉंग्रेस पार्टी की अल्पसंख्यक तुष्टीकरण नीति के तहत धर्म विशेष के धर्मान्ध लोगो एवं उनके कट्टर विचारों को संरक्षण देती आई है | वर्तमान में जहां भी कॉंग्रेस की सरकारें हैं वहाँ पुलिस प्रशासन द्धारा एक समुदाय विशेष के लोगों की सांप्रदायिक गतिविधियों को नज़रंदाज़ किया जाता है। गहलोत सरकार के कार्यकाल में राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में एक पक्ष द्वारा अनेकों बार सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ा गया । लेकिन उन लोगों के विरुद्ध वोट बैंक के लालच में कार्यवाही नहीं की गयी। ठीक ऐसा ही उदयपुर के कन्हैया लाल हत्याकांड में हुआ।
उन्होने आरोप लगाया कि अलसंख्यकों की नाराजगी के डर से और कट्टरपंथियों की कारगुजारियों पर पर्दा डालने वाली गहलोत सरकार की नीति की कीमत कन्हैया लाल को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी । उन्होने कहा कि यही सब महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ जहां नूपुर शर्मा के पक्ष में पोस्ट डालने वाले उमेश की जघन्य हत्या को कॉंग्रेस गठबंधन वाली उद्धव सरकार द्धारा दबाया गया । उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि अल्पसंख्यक वोटों की नाराजगी के डर से धर्म विशेष के कट्टरपंथियों के कारनामों को छुपाने से देश में विशेषकर कॉंग्रेस एवं विपक्ष शासित राज्यों में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटना बढ़ी हैं ।
चौहान ने कहा कि उत्तराखंड में भी इसी तरह चुनाव के दौरान वोटों के लालच में कॉंग्रेस के वरिष्ठ नेता ने भी धर्म आधारित शिक्षण संस्थान खोलने का शिगूफ़ा छोड़ा था, जिसकी देवभूमि में कड़ी आलोचना हुई । लेकिन अपने आलाकमान की शह पर बड़ी बेशर्मी से आज उत्तराखंड के कोंग्रेस अध्यक्ष करण माहरा और अन्य नेता इन सब घटनाओं के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं ।
चौहान ने कहा कि उत्तराखंड में इनके ही नेता अपनी पार्टी के शीर्ष नेता की शिक्षा के सांप्रदायिकरण वाली सोच को सामने लाये वावजूद इसके जिम्मेदार भी भाजपा पर लगाया जा रहा है। उन्होने तंज़ कसते हुए कहा कि मंच पर बैठे नेताओं के अलावा जनता ही नहीं कॉंग्रेस कार्यकर्ता भी उनके इन झूठे आरोपों पर विश्वास नहीं करते है |