पर्यावरण

बालकृष्ण के नेतृत्व में हिमालय पर हिमालय की खोज का पतंजलि का दावा

हरिद्वार, 26 सितम्बर।  आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में गौमुख से ऊपर दुर्गम क्षेत्र में, अनामित व अनारोहित तीन शिखरों पर आरोहण कर पतंजलि ने एक और इतिहास रचा है। अपनी विजय यात्रा के उपरान्त हरिद्वार वापस आने पर बालकृष्ण, सहयोगी संस्था नेहरु पर्वतारोहण संस्थान (NIM) के प्रिंसिपल कर्नल अमित बिष्ट व पूरी टीम का अभिनंदन समारोह पतंजलि विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। इस यात्रा के दौरान बालकृष्ण व टीम ने अनेकों दुर्लभ जड़ी-बूटियों की खोज की।

कार्यक्रम में स्वामी रामदेव ने कहा कि यह यात्रा अत्यंत दुर्गम है। मानव पदचिन्हों से वंचित अनामित, अनारोहित, अविजित पहाड़ियों पर विजय प्राप्त करना अपने आप में बहुत साहसपूर्ण कार्य था। बड़े रूपों में कई बार प्रयास हुए, अंतिम प्रयास आज से 42 साल पहले 1981 में हुआ था, उसके बाद किसी ने वहाँ पहुँचने का प्रयास नहीं किया। साथ ही दुर्लभ जड़ी-बूटियों की खोज कर उन्होंने स्वास्थ्य के क्षेत्र में मानव सेवा में अपना अमूल्य योगदान दिया है।

इस अवसर पर बालकृष्ण ने कहा कि इस बार हमनें हिमालय पर जड़ी-बूटियों की खोज के साथ-साथ हिमालय में हिमालय की खोज की तथा अनामित व अनारोहित तीन चोटियों (हिम शिखिर) की खोज करके उनकी स्थिति, पारिस्थिति और प्राकृतिक स्वरूप के आधार पर उनका नामकरण करके लौटे हैं। आचार्य ने कहा कि इस विजय यात्र के दौरान हमने लगभग 550 दुर्लभ जड़ी-बूटियों की पहचान कर उनकी चैक लिस्ट बना ली है तथा उनका हर्बेरियम तैयार किया जा रहा है। इन जड़ी-बूटियों पर गहन अनुसंधान का कार्य किया जाएगा।

ज्ञात हो कि पतंजलि नेहरु पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी तथा भारतीय पर्वतारोहण संस्थान, नई दिल्ली के सयुक्त रूप से गंगोत्री के रक्तवर्ण ग्लेशियर क्षेत्र में पर्वतारोहण तथा अन्वेषण अभियान का आरम्भ 10 सितम्बर 2022 से 25 सितम्बर 2022 तक आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में किया गया। कर्नल अमित बिष्ट की ओर से पर्वतारोहण दल का नेतृत्व किया गया। यह अभियान विशेष इसलिए भी था कि विगत 15 दिनों में प्रतिकूल मौसम, भारी हिमपात तथा विषम प्राकृतिक प्रतिकूलता में आचार्य बालकृष्ण जी के अदम्य साहस तथा हिम्मत के कारण इस जटिल तथा दुर्गम हिमालयी क्षेत्र में सफलता प्राप्त हुई।

हिमालय के इस क्षेत्र में स्वतंत्रता के पश्चात 1981 में अन्वेषण का कार्य Joint Indo French Expedition Team के द्वारा किया गया था। इस सयुक्त दल में नेहरु पर्वतारोहण संस्थान से पर्वतारोहण प्रशिक्षक श्री दीप शाही तथा श्री विनोद गुसांई ने प्रतिभाग किया। पतंजलि आयुर्वेद से डॉ0 राजेश मिश्रा तथा डा0 भास्कर जोशी के अतिरिक्त अन्य सदस्यों ने प्रतिभाग किया। भारतीय पर्वतारोहण संस्थान नई दिल्ली की और से श्री विहारी राणा ने प्रतिभाग किया।

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