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लैंसडौन विधान सभा क्षेत्र के कंडलसेरा- द्वारी- सतगरिया- क्वीराली के लोग कमरतोड़ सड़कों पर सफर करने को हैँ मजबूर

-रिखणीखाल से  प्रभुपाल रावत –

रिखणीखाल प्रखंड के सीमांत क्षेत्र में कंडलसेरा- द्वारी- सतगरिया- क्वीराली तक लगभग 12 किलोमीटर सड़क प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत पांच- छः साल पहले बनी थी जिसका डामरीकरण भी हुआ था, लेकिन इस कालान्तर में अभी तक किसी ने इस सड़क की सुध तक नहीं ली।इस सड़क का डामरीकरण,झाड़ी कटान,नाली मरम्मत न होने से आज बुरे दौर से गुजर रही है।आज आम जनमानस इस मार्ग पर हिचकोले खाकर,कमर तोड़ मरोड़कर सफर कर रहा है।कयी बार सम्बन्धित विभाग व आला हुक्मरानों को अवगत कराया गया लेकिन उनके कान में जू तक  नहीं रेंग रही है।

कल ही पी एम जी एस वाई श्रीनगर ने बताया कि यह सड़क अब लोक निर्माण विभाग लैंसडौन को हस्तांतरित की गई है।इस सड़क पर गढ्ढे,झाड़ियां,पानी की नालियाँ स्कवर आदि बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं।सड़क के दोनों तरफ झाड़ी उगी अटी पड़ीं हैं।जंगली जानवरों का छिपने का अड्डा बना है।लोग दिन में भी सफर या पैदल चलने को डर रहे हैं।

अभी कुछ समय पहले एक गर्भवती महिला को इतना जोर का झटका लगा कि उसने अस्पताल पहुँचने से पहले ही रास्ते में प्रसव पीड़ा से कराहती रही तथा बच्चे को जन्म दिया। इस सड़क की डामरीकरण आदि मरम्मत की कोई सुनवाई नहीं हो रही है तथा दूर दूर तक भी कोई उम्मीद नजर नहीं आती।एक कहावत है ” अंधेर नगरी चौपट राजा।टका सेर भाजी टका सेर खाजा।।”

गाढ गधेरो,झरनों का पानी नाली टूटी होने से सड़क पर बह रहा है।यात्रियों के कपड़े आदि कीचड़ से भरे पड़े रहते हैं।गर्भवती महिलाओ व वृद्ध बीमार लोगों को अस्पताल पहुँचाना खतरे से खाली नहीं है।

सरकार लाख दावे करे कि हम उत्तराखंड को देश का नम्बर एक राज्य बनायेगे मगर हकीकत देखनी है तो आइये ,हमारे रिखणीखाल के इस सड़क मार्ग पर जो कंडलसेरा- द्वारी- सतगरिया- क्वीराली जा रही है,पता लगेगा कि शरीर की हड्डियाँ,मांसपेशियां कहाँ गई।चाहे हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हो या राज्य का सिल्वर जुबली या कुछ और।स्थिति बिल्कुल उलट है,इसमें कोई संदेह नहीं!

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