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समाज के असल नायकों के कार्य और बदलाव की कहानियों की प्रस्तुति

देहरादून, 24 जनवरी। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से बुधवार शाम केंद्र के सभागार में असल नायकों की खोज उनके कार्य और सकारात्मक बदलाव की कहानियों को लेकर जय हिन्द परियोजना की साथ एक विशेष कार्यक्रम कि प्रस्तुति दी गयी. जय हिन्द परियोजना से जुड़े प्रस्तुत कर्ताअतुल, स्नेहा और डेरिक द्वारा इस विषय पर जहां शानदार प्रस्तुति दी गयी वहीं एवं फिल्म प्रदर्शन की जरिये भी उनके कामों को रेखांकित करने का प्रयास किया गया.

कार्यक्रम में वक्ताओं का कहना था कि जय हिंद स्टोरीज की कहानियाँ हमारे नायकों पर हर हफ़्ते, हम जमीनी स्तर के नायकों की अविश्वसनीय यात्राओं पर प्रकाश डालती हैं साधारण व्यक्ति जो अपने समुदायों में असाधारण प्रभाव डालते हैं। उन नायकों की वास्तविक कहानियाँ जिन्होंने कुछ गलत देखा, उस पर काम किया, जोखिम उठाया और दूसरों के लिए किया। उन्होंने सभी लोगों से समाज के इस तरह के अनोखे नायकों को सामने लाकर उनके काम से समाजिक जागरुकता लाने का भरसक प्रयास करना चहिए।


कार्यक्रम की प्रारम्भ में उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए निकोलस हॉफलैंड ने कहा कि जय हिंद परियोजना एक गैर-लाभकारी पहल है जिसका उद्देश्य भारत की जमीनी समस्याओं को हल करने के लिए वीरता के माध्यम से भारतीयों को प्रेरित करना है। जय हिंद परियोजना उन व्यक्तियों और संगठनों की कहानियों को शामिल करती है जो जमीनी स्तर की समस्याओं को हल करने की दिशा में काम कर रहे हैं। उनके काम और समर्पण को उजागर करके, हमारा उद्देश्य दूसरों को आगे आने और बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना है।

उल्लेखनीय हैं कि जय हिन्द परियोजना की तहत यह संस्था ऐसा समुदाय बना रहे हैं जो इनसे जुड़ता है, सीखता है और साथ मिलकर काम करता है। ये प्लेटफ़ॉर्म जमीनी स्तर के नायकों की यात्रा को साझा करने, सार्थक बातचीत को बढ़ावा देने और बेहतर कल के लिए कार्रवाई को प्रज्वलित करने के लिए महत्वपूर्ण चैनल के रूप में काम करते हैं।
इसके अलावा विकास क्षेत्र के 250 से अधिक व्यक्तियों को इन्होंने प्रशिक्षित किया है , उन्हें अपनी कहानियाँ बताने और उनके प्रभाव को बढ़ाने के लिए उपकरण और कौशल से लैस किया है। यह संस्था सभी के साथ मिलकर, पूरे भारत में जागरूकता और वीरता का प्रभाव पैदा करने का प्रयास कर रही है।

कार्यक्रम के दौरान सामजिक चिंतक बिजू नेगी, देवेंद्र कुमार कांडपाल, विवेक, के बी नैथानी,योगेंद्र सिंह नेगी,आलोक सरीन, मेघा विल्सन, सुंदर सिंह बिष्ट, साहित्यकार अरुण कुमार असफल समाज सेवी, कार्यकर्ता, लेखक, साहित्यकार, युवा पाठक और अन्य लोग उपस्थित रहे.

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