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तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में प्रोग्रेस मॉनिटरिंग कम फीडबैक एंड इम्पैक्ट इवैल्यूएशन सेशन

खास बातें :

  • देश के युवा जॉब्स सीकर नहीं, बल्कि बनें जॉब्स क्रिएटर
  • स्टुडेंट्स को आइडियाज के लिए किया जाए प्रोत्साहित
  • डॉ. अरुणा भट कौल से फंडिंग को लेकर सवाल भी पूछे
  • टीएमयू आईआईसी की प्रेसीडेंट प्रो. मंजुला जैन ने गिनाईं उपलब्धियां   

 मुरादाबाद, 1  सितम्बर।   रूड़की इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के डिपार्टमेंट ऑफ़ मैनेजमेंट की एचओडी डॉ. अरुणा भट कौल ने कहा, स्टार्टअप्स की खातिर स्टुडेंट्स अपने आइडियाज फैकल्टीज से शेयर करें ताकि प्रोजेक्ट्स को मूर्त रूप दिया जा सके। स्टार्टअप एक ऐसा प्रोजेक्ट होता है, जिसको एक सस्टेनेबल बिज़नेस में तब्दील किया जा सकता है। स्टार्टअप का मतलब किसी नए आइडिया को बिज़नेस में बदलना या पुराने किसी प्रोजेक्ट में इनोवेशन या इम्प्रूवमेंट करके नया बिज़नेस का श्रीगणेश करना है।

डॉ. कौल तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक ब्लॉक के कमेटी रूम में प्रोग्रेस मॉनिटरिंग कम फीडबैक एंड इम्पैक्ट इवैल्यूएशन सेशन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं। आईआईसी- टीएमयू की प्रेसीडेंट एवं एसोसिएट डीन प्रो. मंजुला जैन ने मुख्य अतिथि को बुके भेंट की। इस सेशन के दौरान प्रेसीडेंट प्रो. मंजुला जैन ने टीएमयू आईआईसी की उपलब्धियां गिनाईं। कार्यक्रम में आईआईसी मेंबर्स ने मुख्य अतिथि से सवालात भी पूछे। अंत में मुख्य अतिथि ने सभी को रूड़की इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में स्थापित इन्क्यूबेशन सेंटर और लैब में आने का न्योता दिया। संचालन आईआईसी- टीएमयू की कन्वीनर डॉ. गीतांशु डावर ने किया। इससे पूर्व उन्होंने यूनिवर्सिटी की मेंटर डॉ. अरुणा भट कौल के समक्ष टीएमयू आईआईसी की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी प्रस्तुत की।

 

डॉ. कौल ने कहा, मेंटर-मेंटी प्रोग्राम का मुख्य फोकस यही है, फैकल्टीज और स्टुडेंट्स को अपने आइडियाज को बिज़नेस में बदलने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इस बिज़नेस के लिए गवर्नमेंट से विशेष प्रकार के फंड्स की भी उपलब्धता है। स्टुडेंट्स और फैकल्टी इन्क्यूबेशन यूनिट की मदद से अपने आइडियाज को सस्टेनेबल स्टार्टअप्स में बदल सकते है।

 

उम्मीद की जाती है, इन्नोवेटिव युवाओं के चलते ये स्टार्टअप्स बड़े बिज़नेस का आकार ले सकते हैं। आईआईसी मेंबर्स ने भी डॉ. कौल से फंडिंग को लेकर सवाल पूछे। जैसे आरआईटी कौन-कौन से स्टार्टअप्स में कितना-कितना फंड प्रोवाइड कराते हैं? आपके अलावा देश में कौन-कौन सी एजेंसीज फंड मुहैया कराती हैं? कार्यक्रम में सीसीएसआइटी, एग्रीकल्चर, नर्सिंग, पैरामेडिकल, फिजियोथेरेपी, एजुकेशन आदि कॉलेजों के आईसीसी कॉर्डिनटर्स और मेंबर्स ने शिरकत की। प्रोग्रेस मॉनिटरिंग कम फीडबैक एंड इम्पैक्ट इवैल्यूएशन सेशन में डॉ. रुचिकान्त, श्री नवनीत विश्नोई, डॉ. अनिल चौधरी, श्री राकेश यादव, डॉ. आशुतोष अवस्थी, डॉ. देवेन्द्रपाल, श्रीमती नाहिदा बी, डॉ. शैफाली जैन, श्री रंजीत कुमार, मिस बिंदु आदि की मौजूदगी रही। सेशन का समापन प्रेसीडेंट टीएमयू- आईआईसी डॉ. मंजुला जैन ने मुख्य अतिथि और सभी आईआईसी मेंबर्स के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उम्मीद जताई है, आने वाले समय में टीएमयू- आईआईसी एक मेंटर के रूप में उभरेगा।

 

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