सुरक्षा

सैन्य प्रशिक्षण के दौरान चिकित्सा आधार पर अमान्य किए गए कैडेटों के लिए पुनर्वास सुविधाओं के विस्तार को स्‍वीकृति

Every year, young cadets at military academies undergo academic and military training with the prime objective of being commissioned as officers in the Armed Forces. As per extant rules, such a cadet is treated as an officer only after commissioning. Instances occur where, given the rigours of Military Training, some cadets (10-20 per annum) are invalidated on medical grounds due to causes attributable to or aggravated by Military Training.

 

-uttarakhandhimalaya.in-

नयी दिल्ली, 16 मार्च।  रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सैन्य प्रशिक्षण के दौरान चिकित्सा आधार पर अमान्य किए गए कैडेटों के लिए पुनर्वास सुविधाओं के विस्तार को स्‍वीकृति दी। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि कैडेट सशस्त्र बलों में अधिकारी बनने की दृढ़ इच्छा से युवावस्‍था में सैन्य अकादमियों में प्रवेश पाते हैं, और सैन्‍य वर्दी में देश की सेवा करने की प्रतिबद्धता दर्शाते हैं, लेकिन चिकित्सा संबंधी कारणों से अमान्य हो जाते है। दशकों से, कैडेट/उनके माता-पिता ऐसे पुनर्वास अवसरों की मांग कर रहे हैं।

हर वर्ष, सैन्य अकादमियों में युवा कैडेट सशस्त्र बलों में अधिकारियों के रूप में नियुक्त होने के मुख्य उद्देश्य के साथ शैक्षणिक और सैन्य प्रशिक्षण प्राप्‍त करते हैं। वर्तमान नियमानुसार, कैडेट को कमीशनिंग के बाद ही अधिकारी माना जाता है। उदाहरणस्वरूप, जहां कठोर सैन्य प्रशिक्षण के दौरान, कई बार कुछ कैडेटों (प्रति वर्ष 10-20) को सैन्य प्रशिक्षण के कारण या उससे संबंधित कारण से चिकित्सा आधार पर अमान्य कर दिया जाता है।

इन कैडेटों के लिए अधिक अवसर प्रदान करने के लिए रक्षा मंत्री ने पूर्व सैनिक कल्याण विभाग के एक और प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें पुनर्वास महानिदेशालय द्वारा संचालित योजनाओं के लाभों को बढ़ाने के लिए स्‍वीकृति दे दी गई है। इससे उन 500 कैडेटों को सहायता मिलेगी और उनके लिए एक उज्‍ज्‍वल भविष्य सुनिश्चित किया जाएगा, जिन्हें चिकित्सा आधार पर अमान्य कर दिया गया है भविष्य में ऐसी स्थिति वाले कैडेटों को भी समान लाभ प्राप्त हो सकेगा।

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