पर्यावरण

वन पंचायतों के अधिकार एवं कर्तव्य के निर्वहन अधिकार” विषय पर हुयी चर्चा

–महिपाल गुसाईं की रेपोर्ट —
गोपेश्वर, 15 मई। वन पंचायत सरपंच, वन बीट अधिकारियों और वन पंचायत सचिवों की बैठक सोमवार को ब्लॉक सभागार जोशीमठ आयोजित की गई। बैठक का आयोजन नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क जोशीमठ व जनदेश के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

बैठक में “वन पंचायतों के अधिकार एवं कर्तव्य के निर्वहन अधिकार” विषय पर मास्टर ट्रेनर लक्ष्मण सिंह नेगी ने सूक्ष्म नियोजन, वार्षिक कार्य प्लान, वन पंचायत नियमावली 2012 के संबंध में विस्तार पूर्वक चर्चा की। साथ ही वन पंचायतों के एकाउंट लेखन की जानकारी दी गई।

इस अवसर पर क्षेत्र प्रमुख जोशीमठ हरीश परमार ने कहा कि वन पंचायतों को सक्रिय होना पड़ेगा, जिसमें विभाग और वन पंचायत के सरपंच की संयुक्त जिम्मेदारी है, उसका पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर साल वृक्षारोपण तो किया जाता है लेकिन उसके संरक्षण की जिम्मेदारी कोई लेने की तैयार नहीं है। यदि हम किसी योजना को बनाते हैं तो उसके क्रियान्वयन एवं अनुश्रवणकी जिम्मेदारी भी हमें लेना पड़ेगी जिससे कि यह काम सफल हो सके।

इस मौके पर वनाग्नि सुरक्षा के लिए बेहतर काम करने वाले वन पंचायत चांई, वन पंचायत सूखी, वन पंचायत भेंटा के सरपंचों को सम्मान पत्र प्रमुख क्षेत्र पंचायत जोशीमठ के द्वारा दिया गया।
बैठक में नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क जोशीमठ के प्रभागीय वनाधिकारी बी.वी. मर्तोलिया ने कहा कि प्रकृति ने हमें अनमोल खजाना दिया है, उसका हम बेहतरीन ढंग से दोहन करें और संरक्षण और प्रबंधन भी करें। उन्होंने कहा कि यारसा गंम्वू से हमारा जीवन बेहतरीन हो सकता है किंतु लोग यह कार्य कानूनी रूप से नहीं कर रहे हैं। प्रत्येक वन पंचायतों में पास बनाने की योजना बनाये, लोग उसका लाभ लें और सरकारी आंकड़ों में यदि कोई जड़ी बूटी पर्याप्त रूप से दिखाई जाती है तो सरकार इसके लिए योजना बन सकती हैं जिससे काश्तकारों को लाभ मिल सकता है।

वन पंचायत से जुड़े हुए बहादुर सिंह रावत ने कहा कि वन पंचायत की मजबूती के लिए हम लोगों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। एसडीओ नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क जोशीमठ ने कहा कि मैंने स्वयं एक वन बीट अधिकारी के रूप में वन पंचायत के सचिव का दायित्व संभाला और मैंने वन पंचायत की आय बढ़ाने के लिए रतूड़ा वन पंचायत में एक छोटा सा प्रयास शुरू किया था जिसमें मुख्य रुप से घास- चारे का प्रबंधन किया। जब घास का जंगल खोला गया तो उसमें एक पुली घास प्रत्येक परिवार के साथ लोग जमा करते थे, प्रतिदिन बाद में उसकी नीलामी करते हैं जिससे लोगों को ₹20000 का फायदा हुआ और वन पंचायत की आय भी बढ़ी है।

वह प्रक्रिया सतत जारी है उन्होंने वन पंचायतों के सरपंचों से कहा कि वह अपनी-अपनी वन पंचायतों में आय बढ़ाने का काम करें। इस मौके पर वन पंचायत के अकाउंट लेखन से संबंधित जानकारी रघुवीर सिंह चौहान ने उपस्थित प्रतिभागियों को दी। इस अवसर पर रेंज अधिकारी जोशीमठ गौरव नेगी, उप प्रभागीय वन अधिकारी शीशपाल सिंह रावत, पंचायत सरपंच संघ के अध्यक्ष जोशीमठ प्रकाश पवांर, सरपंच भगवती प्रसाद, वन पंचायत सरपंच मोहन सिंह फरस्वांण, देवेंद्र सिंह रावत, ग्राम प्रधान देवग्राम गुडवी सिंह चौहान, कलावती देवी, ममता सती, आदि लोग उपस्थित थे।

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