वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए शुरू की गयी योजनाएं
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय वरिष्ठ नागरिकों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अटल वयो अभ्युदय योजना (अव्यय) नामक योजना लागू करता है। इस योजना के दो प्रमुख घटक हैं:
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए एकीकृत कार्यक्रम (आईपीएसआरसी) – वरिष्ठ नागरिक गृहों (वृद्धाश्रमों), सतत देखभाल गृहों आदि के संचालन और रखरखाव के लिए गैर-सरकारी/स्वैच्छिक संगठनों को अनुदान सहायता प्रदान की जाती है। निर्धन वरिष्ठ नागरिकों को आश्रय, पोषण, चिकित्सा और मनोरंजन जैसी सुविधाएँ निःशुल्क प्रदान की जाती हैं।
- राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आर.वी.वाई.) – सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ‘राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आर.वी.वाई.)’ के योजना घटक को क्रियान्वित कर रहा है। इसका उद्देश्य 15000/- रुपये से अधिक मासिक आय वाले तथा आयु-संबंधित विकलांगता/दुर्बलता से पीड़ित वरिष्ठ नागरिकों को ऐसे शारीरिक सहायक उपकरण तथा सहायक जीवन-उपकरण प्रदान करना है, जिससे उनके शारीरिक कार्य लगभग सामान्य हो सकें। इस योजना का क्रियान्वयन ‘कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को)’ (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम) के माध्यम से किया जाता है, जो कार्यान्वयन एजेंसी है।
यह जानकारी केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दिया है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुजुर्गों की विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए 2010-11 के दौरान राष्ट्रीय वृद्धजन स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम (एनपीएचसीई) की शुरुआत की थी। अक्टूबर, 2024 में ‘अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस’ के उपलक्ष्य में कुल 44279 स्वास्थ्य सेवा शिविर आयोजित किए गए और 9,15,100 बुजुर्गों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान की गई। इसके अलावा, देश भर में 3904 वृद्धाश्रमों में स्वास्थ्य सेवा शिविर आयोजित किए गए और शिविरों के दौरान 33049 बुजुर्गों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान की गई।
राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान (एनआईएसडी), जो सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का एक स्वायत्त निकाय है, समुदाय के वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करता है तथा प्राथमिक देखभाल पर परिवार के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण भी आयोजित करता है।
इसके अलावा, ग्रामीण विकास मंत्रालय सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के रूप में देश भर में राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) भी लागू करता है, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों जैसे वृद्धों, विधवाओं और गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहने वाले विकलांग व्यक्तियों के लिए है। एनएसएपी में तीन पेंशन योजनाएँ शामिल हैं – वृद्धावस्था, विधवा और विकलांग पेंशन योजनाएं और दो माँग आधारित योजनाएँ – राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना (एनएफबीएस) और अन्नपूर्णा योजना। कार्यक्रम के तहत, बुजुर्ग, विधवा, गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहने वाले और पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले व्यक्तियों को 60-79 वर्ष की आयु के व्यक्तियों को 200/- रुपये से 500/- रुपये प्रति माह और 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को 500/- रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
दिव्यांग व्यक्तियों के कौशल को बढ़ाने और उन्हें लाभकारी रोजगार पाने में सक्षम बनाने तथा उन्हें आत्मनिर्भर, उत्पादक बनाने और समाज के योगदानकर्ता बनने तथा अपने पैरों पर खड़े होने के लिए, दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तीकरण विभाग ने मार्च 2015 में दिव्यांग व्यक्तियों के कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी-एसडीपी) शुरू किया था। एनएपी-एसडीपी के तहत विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से व्यक्तियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) ने दिव्यांगजनों के कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी-एसडीपी) के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सितंबर 2023 में पीएम-दक्ष पोर्टल-डीईपीडब्ल्यूडी भी लॉन्च किया था। यह पोर्टल दिव्यांगजनों के लिए वन-स्टॉप डिजिटल गंतव्य है, जिन्हें कौशल और रोजगार की आवश्यकता है, और दिव्यांगजनों के प्रशिक्षण संगठनों और नियोक्ताओं/नौकरी एग्रीगेटर्स के लिए। इसके अलावा, दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास योजना (डीडीआरएस) के तहत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) के कल्याण/सशक्तिकरण के लिए विभिन्न परियोजनाओं को चलाने के लिए स्वैच्छिक संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
यह जानकारी केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दिया है।