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वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत को मिला प्रथम पंडित भैरव दत्त धूलिया पत्रकार सम्मान

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स्पेशल रिपोर्ट दिनेश शास्त्री
भारत की आजादी के आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाने वाले उत्तराखण्ड के निर्भीक पत्रकार और अपने जमाने के प्रमुख लोकप्रिय साप्ताहिक अखबार कर्मभूमि के संस्थापक सम्पादक स्व. भैरव दत्त धूलिया प्रथम पत्रकार सम्मान उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत को प्रदान किया गया।
बीती शाम राजधानी देहरादून के सर्वे चौक स्थित ऑडिटोरियम में प्रख्यात पर्यावरणविद व पद्म पुरस्कार से सम्मानित चंडीप्रसाद भट्ट, प्रख्यात इतिहासकार प्रो. शेखर पाठक व प्रेस क्लब आफ इंडिया के अध्यक्ष उमाकांत लखेड़ा ने सम्मानित किया। श्री रावत को सम्मान स्वरूप प्रशस्ति पत्र, शाल व एक लाख रुपए की धनराशि प्रदान की गई।
इस गरिमामय समारोह में वक्ताओं ने साप्ताहिक कर्मभूमि के स्वतंत्रता संग्राम तथा आजादी के बाद राष्ट्र निर्माण तथा समाज सुधार के अभियान में स्व. धूलिया की अतुलनीय भूमिका को याद किया। पंडित धूलिया जी के लैंसडौन, कोटद्वार, बनारस, पटना, मेरठ के ऐतिहासिक सफर को भी वक्ताओं ने रेखांकित किया।
इतिहासकार प्रो. पाठक ने अपने व्याख्यान में आजादी के समय उत्तराखण्ड से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों से जुड़े विविध तथ्य भी लोगों के सामने रखे। प्रो. पाठक ने पंडित भैरव दत्त धूलिया के साथ जुड़े अपने संस्मरणों को भी याद किया। प्रो. पाठक ने स्वतंत्रता आंदोलन में धूलिया जी की जेल यात्रा से लेकर उत्तर प्रदेश की विधानसभा तक पहुंचने के सफर को बेहद संजीदगी के साथ प्रस्तुत किया। सारगर्भित वर्णन किया।
पर्यावरण के क्षेत्र में दशकों से संलग्न तथा अनेक पुरस्कारों से सम्मानित  चंडीप्रसाद भट्ट ने धूलिया जी के सामाजिक व राजनीतिक मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक बुराइयों के खिलाफ हो रहे आंदोलनों को धूलिया जी अपने पत्र में विशेष जगह देते थे और हमेशा जन सरोकारों में सक्रिय लोगों का हौसला बढ़ाते थे। इस तरह वे एक विद्वान व संवेदनशील इंसान थे। श्री भट्ट ने अपने संबोधन में पर्यावरण से जुड़े खतरों से भी आगाह कराया।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार उमाकांत लखेड़ा ने साप्ताहिक कर्मभूमि की उत्तराखण्ड के पाठकों के बीच अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा कि आज मीडिया को पंडित भैरव दत्त धूलिया के पत्रकारीय मूल्यों से शिक्षा लेनी चाहिए। पंडित भैरव दत्त धूलिया सम्मान से सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने कर्मभूमि फाउंडेशन के आभार जताते हुए कहा कि मौजूदा दौर में मीडिया के सामने कई चुनौतियां खड़ी हैं। उन्होने कहा कि पत्रकारिता के बाज़ारीकरण यह महान विधा  विश्वसनीयता खोटी जा रही है।  मीडिया में असली मुद्दे गायब हो रहे हैं और काल्पनिक मुद्दों ने पत्रकारिता की आत्मा को कचोट  दिया है।  विश्वसनीयता का संकट खड़ा हो गया है।  उन्होंने विश्वास दिलाया कि निर्णायक मंडल ने उन पर जो भरोसा जताया, वे उसे पूरा करने का भरसक प्रयास करेंगे। श्री रावत ने अपने चार दशक से अधिक पत्रकारिता के सफर का उल्लेख करते हुए उत्तराखंड के समक्ष खड़ी चुनौतियों पर भी अपने विचार रखे।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में साप्ताहिक कर्मभूमि में पंडित भैरव दत्त धूलिया ने सामाजिक व राजनीतिक मूल्यों के उच्च मानदंड स्थापित किये। कार्यक्रम का संचालन कर रहे हिमांशु धूलिया ने फ्रीडम फाइटर भैरव दत्त धूलिया की जीवन यात्रा का वर्णन किया।
प्रख्यात फ़िल्मकार ( फिल्म संवाद लेखक, निर्देशक, अभिनेता, पटकथा लेखक, निर्माता और कास्टिंग निर्देशक)  तिग्मांशु धूलिया ने  प्रशस्ति पत्र पढ़ कर पत्रकार जय सिंह रावत के पत्रकारिता क्षेत्र में 4 दशक के  योगदान का उल्लेख किया। कार्यक्रम के अंत में सुमित्रा धूलिया ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर देहरादून ही नहीं प्रदेश के विभिन्न स्थानों से अनेक गणमान्य लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे। देहरादून में अपनी तरह का यह विशिष्ट आयोजन था। उत्तराखंड में यह अब तक का सबसे  बड़ा  और पहला पुरष्कार है। जिसके निर्णायक मंडल में देश के जानेमाने पत्रकार शामिल थे।

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