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विधानसभा की बैकडोर नियुक्तियों की जाँच के लिए कमेटी  घोषित : सचिव सिंघल को भेजा छुट्टी पर: सचिव का दफ़्तर सील 

देहरादून, 3 सितम्बर। उत्तराखण्ड विधानसभा में सेकड़ों की संख्या में हुयी नेताओं और मंत्रियों के चहेतांे तथा पत्रकारों के रिश्तेदारों की नियुक्तियों पर बवाल खड़ा होने के बाद शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने इन नियुक्तियों की जांच के लिये एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन करने का ऐलान कर दिया है।

यह कमेटी आइएएस दिलीप कुमार कोटिया की अध्यक्षता में बनायी गयी है जिसके सदस्य सुरेन्द्र सिंह रावत और अवनेन्द्र सिंह नयाल होंगे। कमेटी को अधिकतम् एक माह के अन्दर रिपोर्ट देनी है। ऋतु खण्डूड़ी ने युवाओं को आश्वस्त किया कि उनके साथ न्याय होगा और इस संबंध में वह कठोरतम् कदम उठाने में नहीं हिचकिचायेंगी।

यह कमेटी 2012 के बाद विधानसभा में हुयी नियुक्तियों की जांच करेगी। जरूरत पड़ी तो उससे पहले की जांच भी की जा सकती है। इसके साथ हीं विधानसभा सचिव को अवकाश पर भेज कर उनका कार्यालय सील कर दिया गया है।

इन नियुक्तियों सत्ताधारी दल के बड़े नेताओं, मंत्रियों और स्वयं मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत कुछ अधिकारियों की पत्नियों और अन्य रिश्तेदरों के नाम आने पर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों को सरकार के और खास कर सत्तारूढ़ दल के खिलाफ एक मारक हथियार मिल गया है।

 

आरएसएस के नेताओं द्वारा भी बहती गंगा में हाथ धो लेने से बदनामी की आंच दिल्ली तक पहुंच गयी है। सूत्रों के अनुसार इस घोटाले के बबाल की चपेट में मंत्री और पार्टी के बड़े नेता भी आ सकते हैं। चूंकि उत्तराखण्ड का सत्ता प्रतिष्ठान प्रधानमंत्री मोदी के बलबूते अस्तित्व में है इसलिये इनके कारनामें की आंच सीधे मोदी की छवि तक जा रही है। इसलिये घोटाले की चपेट में सरकार भी आ सकती है।

बहरहाल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सत्ताधारी दल ने स्पीकर द्वारा नियुक्तियों की जांच की घोषणा का स्वागत किया है। लेकिन जो सीधी नियुक्तियां बैक डोर से मंत्रियों ने कराई हैं उन पर सरकार अब भी खामोश है। बताया जा रहा है कि सत्ता की हनक में एक मंत्री ने बिहार के अपने रिश्तेदारों की तक नियुक्तियां करा दी थीं।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में हुई भर्तियों के विषय में कथित अनियमितताओं के आरोपों की पड़ताल हेतु विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विशेष जांच समिति गठित करने के निर्णय का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि  “मुझे पूर्ण विश्वास है कि ये जांच समिति विषय से जुड़े प्रत्येक तथ्य को स्पष्ट करेगी। हमारी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड के लिए कृतसंकल्पित है।“

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