आपदा/दुर्घटना

बौखलाई प्राणमती ने डाडरबगड़ से लेकर थराली संगम तक बरपाया कहर

-रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट –
थराली, 20 जुलाई । एक बार फिर से प्राणमती नदी ने डाडरबगड़ से लेकर थराली संगम तक गत रात्रि खूब कहर बरपाया।इस दौरान एक इलैक्ट्रिकल ट्राली,दो लकड़ी के अस्थाई पुल जहां नदी में समा गए हैं,वही थराली -पैनगढ़ मोटर सड़क पर प्राणमती नदी पर बनायें जा रहे बैली ब्रज के टेक भी नदी की भेट चढ़ गए, हालांकि बैली ब्रज को कोई नुक्सान नही पहुंचा है।


शुक्रवार की देर सायं से देर रात तक पिंडर घाटी में एक सप्ताह से अधिक समय बाद मूसलाधार बारिश हुई, जिससे पिंडर कैल नदियां उफान पर आ गई।इसन दोनों नदियों से अलग थराली विकास खंड में बहने वाली प्राणमती नदी पिछले साल की बरसात की तरह ही इस बार भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है।

मूसलाधार बारिश के बाद प्राणमती नदी में भारी उफान आ गया।जिसकी चपेट में आने से डाडरबगड़ से रणकोट जाने के लिए स्थापित की गई ट्राली बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इसका एक अपटमैंट, जनरेटर, ट्राली सहित तमाम अन्य उपकरण नदी अपने साथ बहा ले गई।

इसके अलावा इसी नदी पर घटबगड़ से रतगांव जाने के लिए ग्रामीणों के द्वारा कठिन श्रमदान के जरिए पिछले दिनों बनाया गया लकड़ी का अस्थाई पैद पुल भी बह गया हैं। सोल क्षेत्र के डाडरबगड़ ट्राली एवं घटगाड़ पैदल पुलियां के बह जाने के कारण रतगांव, रणकोट,गुमड़,कलचुना आदि गांवों का सीधा यातायात एवं पैदल संपर्क सोल क्षेत्र के अन्य गांवों के अलावा तहसील मुख्यालय थराली से भी कट गया है।

प्राणमती नदी ने थराली नगर पंचायत से थराली वार्ड, देवलग्वाड़, सुनाऊं, पैनगढ़ आदि गांवों को आने जाने के लिए ग्रामीणों के द्वारा बनाया गया लकड़ी का अस्थाई पुल भी बह गया हैं। जिससे इन गांवों का सीधा यातायात संपर्क थराली से कट गया हैं। पैदल पुलिया के बह जाने के कारण थराली वार्ड के पांच दर्जन से अधिक छात्र, छात्राएं शनिवार को जीआईसी एवं जीजीआईसी थराली नही आ पाए हैं।

इसके साथ ही इसी स्थान के पास थराली -पैनगढ़ मोटर सड़क पर निर्माणाधीन बैलीब्रज के नदी से लगाएं गऐ टेक बह गये हैं। हालांकि अभी बैलीब्रज को कोई खतरा नही हुआ है।

मूसलाधार बारिश के कारण क्षेत्र के सभी नदियां एवं नालें उफान पर हैं। जबकि क्षेत्र के सिमली-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग,थरली-देवाल-वांण, ग्वालदम -नंदकेशरी राजमार्गों के अलावा जिला मार्गो एवं ग्रामीण सड़कों में मलवा, पत्थरों के आने से सामान्य यातायात पर विपरीत प्रभाव पड़। नदी नालों के उफान पर आने से कृषि भूमि को भी खाशा नुकसान हुआ हैं।
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प्राणमती नदी के उफान पर आने से डाडरबगड़ में स्थापित इलैक्ट्रिकल ट्राली के बह जाने के कारण क्षेत्र के गांव में आवागमन की समस्या बढ़ गई हैं। प्राणमती नदी पर डुग्री -रतगांव मोटर सड़क पर जिस स्थान पर पिछले साल बैलीब्रज बह गया था उसके पास पैदल आवागमन को सूचना रूप से शुरू करने के लिए मैनवल ट्राली स्थापित की जा रही हैं।इसका सामना साइड पर भेजा जा रहा है। 4-5 दिनों में ट्राली स्थापित कर दी जाएगी जिससे रतगांव के अलावा रणकोट,गुमड, कलचुना आदि गांवों के ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। थराली -पैनगढ़ मोटर सड़क पर बनाएं जा रहें बैलीब्रज के कुछ टेक बह गये थे पानी घटने के बाद टेकों को पुनः लगा दिया गया हैं। ब्रिज का पूरा भार रस्सियों पर हैं ब्रेलीब्रज को किसी भी तरह का खतरा नही है।
जेके टम्टा-
सहायक अभियंता लोनिवि
थराली

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