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दून पुस्तकालय में युवा पाठकों हेतु इतिहास विषयक वार्ता और प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन

देहरादून, 21 दिसम्बर। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र कि ओर से केंद्र के युवा पाठकों हेतु विविध प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के संदर्भ में आज प्रातः वार्ता और प्रश्नोत्तर के एक सत्र का आयोजन किया गया। इसका शीर्षक था राष्ट्रीय आंदोलन और उत्तराखंड का मुक्ति संग्राम. वार्ताकार के तौर पर प्रोफेसर सुनील कुमार
पूर्व विभागाध्यक्ष, इतिहास, गढ़वाल विश्वविद्यालय और डॉ . योगेश धस्माना, सामाजिक इतिहासकार ने इस विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया.

प्रोफेसर सुनील कुमार ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के विविध महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गहराई से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि इतिहास की घटनाएं तत्कालीन परिवेश की सामाजिक परिस्थियों पर आधारित रहती हैं. इतिहास के प्रत्येक विद्यार्थी को अपनी वैचारिकता के साथ स्वतंत्र होकर उसके हरेक पहलू पर विश्लेषनात्मकता के साथ अपनी दृष्टि रखनी चाहिए.

सामाजिक इतिहासकार दो. धस्माना ने उत्तराखंड के मुक्ति संग्राम के विविध नायकों और तत्कालीन समाचार पत्रों द्वारा किये गए जन जागरण का ऐतिहासिक परिदृश्य को विस्तार के साथ युवा पाठकों के साथ रखा. वार्ता के पश्चात प्रश्नोत्तर सत्र में कैसे युवा पाठकों ने इतिहास से जुड़े विविध सवाल भी किये.

प्रारम्भ में केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र का यह सतत प्रयास जारी है कि यहाँ अध्ययन कर रहे युवा पाठकों हेतु विविध प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए हर माह में दो-तीन कार्यक्रम किये जा सकें.

कार्यक्रम के दौरान दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के बड़ी संख्या में अध्ययनरत युवा पाठक सहित पूर्व निदेशक अभिलेखगार, डॉ. लालता प्रसाद, शोध सहायक सुंदर सिंह बिष्ट, मद्न सिंह, राकेश कुमार व अवतार सिंह उपस्थित रहे.

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