प्राणमती की बाढ़ के बाद अब थराली नगर और सिमलसैण गांव को पिंडर नदी से गंभीर खतरा
-रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट-
थराली, 17 अगस्त । रविवार को प्राणमती नदी से आये बोल्डर, पत्थरों एवं मलबे का पिंडर नदी में हुआ जमावड़ा थराली बाजार क्षेत्र, सिमलसैण गांव एवं ग्वालदम -कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग थराली तिराहे से कर्णप्रयाग की ओर करीब 400 मीटर के लिए बेहद खतरनाक बन गया है। जानकारों के अनुसार नदी में जमा बोल्डरो, पत्थरों एवं मलवे को नहींं हटाने पर वे थराली क्षेत्र को बर्बाद कर सकते हैं।
बीते रविवार की रात ब्रहमताल क्षेत्र में फटे बादलों के कारण जिस तरह से प्राणमती नदी में सैलाब आया उसने नदी के आसपास बसें लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए थे। इस दौरान नदी ने जो तबाही मचाई वो सबके सामने मौजूद हैं। सैलाब के साथ बड़े-बड़े पत्थर, बोल्डर, पेड़े एवं भारी मात्रा में मलुवा पिंडर एवं प्राणमती के संगम में जमा हो गया है।
बताया जा रहा हैं कि रविवार की रात जब प्राणमती में जल सैलाब आया त उसने कुछ देर के लिए पिंडर नदी का प्रवाह भी रोक दिया था जिससे पिंडर का जल स्तर उठने लगा और थराली नगर में दहशत छा गई थी। नदी का बहाव रूकने के बाद पिंडर ने ग्वालदम-कर्णप्रयाग राजमार्ग के नीचे एवं सिमलसैण गांव के नीचे भूकटाव शुरू कर दिया और दोनों ही खतरे की जद में आ गए। आपदा के तीन दिन गुजर जाने के बाद अब भी पिंडर नदी में संगम स्थल पर पिंडर नदी में भारी तादाद में मलुवा पड़ा हुआ हैं। जिससे पिंडर का जल स्तर थराली बाजार की ओर अभी भी दो से ढाई मीटर उठा हुआ हैं।
इस संबंध में सिंचाई विभाग थराली के अधिशासी अभियंता राजकुमार चौधरी ने जल स्तर के ऊंचे उठने की बात स्वीकारते हुए कहा कि संगम स्थल से थराली बाजार की ओर सिंचाई विभाग के द्वारा थराली से देवाल की ओर नदी किनारे बाढ़ सुरक्षा के तहत बनाए गए तीन मीटर ऊंचाई की दीवारें अब भी दो से ढाई मीटर पिंडर नदी में डूबी हुई हैं। संगम स्थल पर पिंडर नदी की लहरें ऊंची उठ कर बह रही हैं। यही नही थराली बाजार से संगम स्थल तक पिंडर नदी का गति काफी कम है जिससे नदी में सोर काफी कम सुनाई पड़ रहा हैं। इससे लग रहा हैं कि संगम स्थल पर अब भी काफी अधिक मलुवा जमा हो गया है।
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थराली के विधायक भूपाल राम टम्टा ने भी माना हैं कि संगम स्थल पर पिंडर नदी के अंदर भारी मात्रा में मलुवा जमा हो गया हैं जोकि आने वाले समय में खतरनाक साबित हो सकता हैं।इस मलुवे को तत्काल बहार निकाल कर नदी को उसके पूराने स्वरूप में लाना बेहद जरूरी हैं। इसके लिए वे शासन,प्रशासन स्तर पर कार्यवाही कर रहें हैं। जल्द ही जमा मलुवे, पत्थरों एवं बोल्डरों को हटा कर नदी को पुराने स्वरूप में लाने का प्रयास किया जाएगा।