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सीमान्त जिला चमोली के नये डीएम बोले,- दूरस्थ क्षेत्रों तक विकास का लाभ पहुंचाना है प्राथमिकता

 

चमोली के नवनियुक्त जिलाधिकारी ने संभाला कार्यभार, गिनाई अपनी प्राथमिकताएं

 

-महिपाल सिंह गुसाईं-

गोपेश्वर, 7 सितम्बर। हिमांशु खुराना की विदाई के बाद शनिवार को सीमांत चमोली के नए जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कार्यभार संभाल लिया। 2017 बैच के आईएएस अधिकारी संदीप तिवारी अब तक प्रदेश में अनेक स्थानों पर सेवाएं दे चुके हैं किंतु चमोली जिले में उनकी यह पहली तैनाती है। श्री तिवारी परिवीक्षा के बाद वर्ष 2020- 21 में टिहरी में डिप्टी कलेक्टर टिहरी रहे, उसके बाद वर्ष 2023 तक नैनीताल जिले के मुख्य विकास अधिकारी रहे हैं। उस दौरान उन्होंने केएमवीएन के एमडी का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाला और बाद में विगत चार सितंबर तक केएमवीएन के एमडी के रूप में काम किया है। जिलाधिकारी के रूप में उनकी पहली तैनाती चमोली में हुई है। विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले इस जनपद में चुनौतियां हैं तो अनेक विशेषताएं भी हैं। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील सामरिक महत्व के जिले की कमान संभालने के मौके पर इस महिपाल गुसाईं  ने श्री तिवारी से विस्तृत बातचीत की। बातचीत के मुख्य अंश इस प्रकार हैं :-

प्रश्न – हर नए जिलाधिकारी से लोगों की बड़ी अपेक्षाएं होती हैं, ऐसे में लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति करने की चुनौती को आप किस तरह से देखते हैं?

डीएम तिवारी – विकास कार्यों को सिरे चढ़ाना एक सतत प्रक्रिया है। जिले का विकास मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी। राज्य सरकार की तमाम विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए तेजी से काम किया जायेगा। जिले की आवश्यकताओं को समझने के बाद तेजी से इस दिशा में काम शुरू किया जाएगा।वैसे भी चमोली जिला अनंत संभावनाओं वाला भू भाग है। हमारी कोशिश रहेगी कि विकास के क्षेत्र में नवाचार के जरिए कुछ नई पहल करें और पहले से चल रही योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करें। इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर ठोस रणनीति बनाई जाएगी और उसी के अनुरूप क्रियान्वयन किया जायेगा। जिले का सर्वांगीण विकास करना मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी। जिले के दूरदराज के अंचलों में ग्रामीणाें तक पहुंचाने के लिए और समस्याओं का निदान करने के लिए भरसक प्रयास किया जायेगा।

प्रश्न- चमोली जिले का चारधाम यात्रा की दृष्टि से चमोली का अत्यंत महत्त्व है, आपकी इस संदर्भ में क्या प्लानिंग रहेगी?

डीएम तिवारी – विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम उत्तराखंड के चार धामों मेें सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। जिले में यात्रा व्यवस्था सुगम रहे, वैसे भी चारधाम यात्रा का यह अंतिम पड़ाव है, इसलिए मेरा यही प्रयास रहेगा कि अब जितने भी दिनाें की यात्रा शेष है, उसे और बेहतर ढंग से संचालित किया जाए। यह यात्रा लोगों की आर्थिकी का आधार भी है, इसलिए निवर्तमान जिलाधिकारी द्वारा चारधाम यात्रा के लिए जो व्यवस्था बनाई गयी थी, उसे और सुव्यवस्थित ढंग से संचालित कराने का प्रयास किया जायेगा। हमारी कोशिश रहेगी कि आने वाले समय में श्रद्धालु अधिक से अधिक संख्या में उत्तराखंड आकर बदरीनाथ धाम के दर्शन कर सकें और यहां से लौट कर देशभर में उत्तराखंड को लेकर अच्छा संदेश दें।

प्रश्न- हाल के दिनों की कुछ घटनाओं पर नजर डालें तो उस दृष्टि से जिले में कानून व्यवस्था इस समय प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है। इसके समाधान की क्या योजना है?

डीएम तिवारी– जनपद की कानून व्यवस्था काे बनाए रखने के लिए यहां तैनात पुलिस अधिकारियों के साथ विचार विमर्श के बाद कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए काम करना हमारी जिम्मेदारी है। इसमें कोई कोताही नहीं होगी। वर्तमान में तैनात एसपी भी अछा कार्य कर रहे हैं। पुलिस टीम के साथ मिलजुल कर काम किया जायेगा, ताकि जनपद में किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो। इस देवभूमि की गरिमा को बनाए रखना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। इस मामले में कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

प्रश्न- जिले में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण, डेमोग्राफी चेंज, लव जेहाद जैसे मसले इस समय तेजी से उभरे हैं, ऐसे विषयों के समाधान के लिए आप क्या राय रखते हैं?

डीएम तिवारी – समाज में सौहार्द बना रहे, प्रशासन का यह पहला दायित्व होता है इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए अभी जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन काम कर रहा है। पुलिस के साथ मिलजुल कर इस दिशा में काम करने की जरूरत है। अतिक्रमण की जहां तक बात है, इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री जी भी काफी गंभीर हैं। हमारा प्रयास रहेगा कि अगर कहीं पर कोई अतिक्रमण है, उस पर कार्रवाई की जायेगी, ताकि आगे से कोई अतिक्रमण न होने पाए।

प्रश्न- गैरसैंण उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी है, इस कारण गैरसैंण क्षेत्र और जिले के लोगों की अपेक्षाएं भी बड़ी हैं, इसे आप किस तरह देखते हैं?

डीएम तिवारी – राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी को लेकर सरकार भी गंभीर है और जिला प्रशासन भी। शीघ्र ही गैरसैंण का दौरा कर वहां की आवश्यकता, कृषि तथा अन्य संबंधित विषयों को समझ कर वहां कृषि और उद्यान के क्षेत्र में धरातल पर कुछ नया दिख सके, इस दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे।

प्रश्न- आपदा की दृष्टि से चमोली बेहद संवेदनशील है, अनेक स्थानों पर मार्ग अवरूद्ध हुए हैं तो बादल फटने, भूस्खलन, अतिवृष्टि से लोगों की परिसंपत्तियों का भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में इकोनोमी, इकोलॉजी के बीच संतुलन के लिहाज से आपकी क्या योजना रहेगी?

डीएम तिवारी – प्राकृतिक आपदा पर किसी का नियंत्रण नहीं होता है और न ही कोई आपदा बता कर आती है, मगर आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण के प्रयास हमारे हाथ में हैं। जिला प्रशासन ऐसे मामलों में सदैव संवेदनशील रहता है। इस मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का भरसक प्रयास किया जायेगा। इस दिशा में हम टीम वर्क के साथ मिलजुल कर काम करेंगे और कोशिश यही रहेगी कि पीड़ितों तक कम समय में राहत पहुंचे तथा जान माल का नुकसान न हो।

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