पर्यावरण

पर्यटन व्यवसायियों ने उठाया औली बुग्याल के मौलिक नैसर्गिक सौंदर्य को लौटाने का बीड़ा

-जोशीमठ से प्रकाश कपरुवाण –

स्थानीय पर्यटन व्यवसायियों व स्कीइंग प्रेमी युवाओं ने रेगिस्तान की तरह हो चुकी औली की वादियों मे पुनः हरियाली उगाने का जो बीड़ा उठाया उसके पहले चरण मे 51सौ पौधों के रोपण का लक्ष्य पूरा कर लिया है। युवाओं ने वृक्षारोपण व हरियाली उगाकर औली को हरा भरा बनाने की मुहिम निरंतर जारी रखने का भी संकल्प लिया।

धरती के स्वर्ग औली बुग्याल को विश्व स्तरीय स्कीइंग स्लोप के रूप मे विकसित तो किया गया लेकिन औली बुग्याल की खूबसूरती वापस लौटाने के लिए  जिम्मेदार महकमें पूरी तरह फेल रहे। शीतकाल मे तो स्कीइंग ढलान बर्फ से ढकी रहती है किन्तु ग्रीष्मकाल मे उबड़ खाबड़ ढलान को देखकर ग्रीष्मकालीन पर्यटक भी खासे निराश होते हैं, लेकिन अब चंद वर्षोँ मे स्कीइंग ढलान के आसपास औली की वादियों मे हरियाली ही हरियाली नजर आएगी।

दरसअल औली व जोशीमठ के पर्यटन व्यवसायियों ने औली को पुनः हराभरा बनाने की मुहिम शुरू की है, और इस मुहिम में न केवल सेना बल्कि निम उत्तरकाशी, जीएमवीएन,उत्तराखंड पर्यटन एवं नन्दा देवी राष्ट्रीय पार्क का भरपूर सहयोग रहा और वृक्षारोपण के पहले चरण का लक्ष्य 51 सौ पौध रोपण का पूरा हुआ।

औली ग्रीष्मकालीन पर्यटकों एवं श्री बद्रीनाथ व हेमकुण्ड साहिब-लोकपाल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी यादगार बने इसके लिए बृहद वृक्षारोपण की मुहिम शुरू करने वाले स्थानीय पर्यटन व्यवसायी व युवा स्कीयर्स अजय भट्ट के अनुसार औली को हराभरा बनाने के उद्देश्य से 29 जून से बृहद वृक्षारोपण अभियान शुरू कर पहले चरण का 51 सौ पौधरोपण का लक्ष्य पूरा किया गया।

इस अभियान मे भारतीय सेना की असम राइफल्स के सौ से अधिक जवानों, निम उत्तरकाशी के तीस सदस्यों, जीएमवीएन व वन विभाग के अलावा स्थानीय पर्यटन व्यवसायियों ने सहयोग किया। उन्होंने इस सहयोग के लिए असम राइफल्स के कमांडिंग आफिसर कर्नल पुष्कर सहस्रबुध्ये, नन्दा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ बीवी मर्तोलिया, रैंज आफिसर गौरव नेगी, जीएमवीएन एवं चियरलिफ्ट स्टाफ का आभार प्रदर्शित किया है।

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