देहरादून 14 नवंबर।उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि अब भाजपा के नेता और खास के पूर्व मुख्यमंत्री भी प्रदेश में कमिशनखोरी चरम पर होने की बार कर सरकार की पोल खोलने लगे हैं। दूसरी ओर मुख्यमंत्री धामी 2014 से ही अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में घोटालों की और भ्रष्टाचार की बात कर अपरिपक्वता का परिचय दे रहे हैं।
कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि भाजपा के नेताओं के वार पलटवार से यह बात तो साबित हो गई है कि भाजपा नेताओं में आपस में धड़े बाजी और घेराबंदी शुरू हो चुकी है परंतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथ में राज्य की कमान है ऐसे में अपने दोनों ही पूर्ववर्तियों की बातों को व्यक्तिगत प्रहार ना मानकर यदि मुख्यमंत्री उनके वक्तव्य को राज्य हित में उनकी चिंता के रूप में लेंगे तो शायद प्रदेश का भला संभव है, वरना बहस का और आरोप-प्रत्यारोप का कोई अंत नहीं।
दसौनी ने कहा कि जहां एक ओर तीरथ रावत ने 6 सालों से राज्य की सत्ता पर काबिज अपनी ही सरकार को अपने बयान से घेर कर असहज तो कर दिया पर हिम्मत का काम किया है,दूसरी ओर मुख्यमंत्री धामी 2014 से ही अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में घोटालों की और भ्रष्टाचार की बात कर अपरिपक्वता का परिचय दे रहे हैं।
दसोनी के अनुसार राज्य में जो कुछ भी चल रहा है वह राज्य का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है परंतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चाहिए कि वह इस समय धैर्य और विवेक से काम लें और दूसरों पर उंगली उठाने के बजाय अपनी कार्यशैली से और अपने निर्णयों से जवाब दें ना कि उनके आरोपों का जवाब उनके कार्यकाल पर उंगली उठाकर।
दसोनी ने कहा की विधानसभा नियुक्ति में एक और जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कार्यवाही करते हुए अपने प्रांत प्रचारक और सह प्रांत प्रचारक को उत्तराखंड से बेदखल कर दिया वहीं भारतीय जनता पार्टी अपने नेता, तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान काबीना मंत्री पर कोई भी कार्यवाही करने में सक्षम नहीं रही है।
गरिमा ने कहा की वही यूके ट्रिपल एससी के भ्रष्टाचार की यदि बात करें तो जितनी तेजी से एसटीएफ की कार्यवाही के बाद लोग गिरफ्तार हुए थे उससे दुगनी तेजी से आधे से ज्यादा लोग जमानत पर रिहा हो चुके हैं। कानून व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है प्रदेश खनन माफियाओं भूमाफिया और शराब माफियाओं के कब्जे में है। इसे राज्य का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है की अधिकारी और सफेद पोषों की मिलीभगत से उत्तराखंड राज्य लगातार गर्त में जा रहा है।
दसोनी ने कहा कि आज हमारे ऊपर करोड़ों का कर्ज है, राज्य में बहन बेटियों की आबरु सुरक्षित नहीं है युवा लाचार और निराश महसूस कर रहा है ऐसे में जो कुछ भी बड़े और अनुभवी नेता कह रहे हैं उसे राज्य के भले के लिए आत्मसात करने का और उस पर काम करने के जरूरत है ना की वार पटवार करने की।