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उत्तराखंड लोकमंच ने छावला काण्ड में उत्तराखंड की बेटी के मामले में दायर की पुनर्विचार याचिका

-देहरादून/नई दिल्ली, 10 दिसंबर (दिनेश शास्त्री)-
दिल्ली के छावला-नजफगढ़ की निर्भया-2 को न्याय दिलवाने की दिशा में उत्तराखंड प्रवासियों के सशक्त सामाजिक संगठन उत्तराखंड लोक मंच (रजि.) ने पीड़िता को न्याय दिलवाने हेतु सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन (पुनर्विचार याचिका) दायर की है। गुरुवार को यह दूसरी याचिका दायर हुई है। इससे पहले एक अन्य याचिका दायर की जा चुकी है जबकि दिल्ली सरकार की ओर से याचिका दायर होनी शेष है।
हालांकि दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले में निर्देश दे चुके हैं लेकिन राज्य सरकार ने मामले में अभी तक पहल नहीं की है। गुरुवार को निर्भया-2 के माता-पिता की उपस्थिति में उत्तराखंड लोक मंच के अध्यक्ष बृजमोहन उप्रेती, महासचिव पवन कुमार मैठाणी, उपाध्यक्ष पंचम सिंह रावत, पृथ्वी रावत, लक्ष्मी रावत, कोषाध्यक्ष आर.पी.चमोली , कार्यकारिणी सदस्य राजेश डंडरियाल, राकेश बुडाकोटी व शेखरचंद्र ने दाखिल की।
लोकमंच के पदाधिकारी पवन कुमार मैठाणी ने बताया कि नजफगढ़  की निर्भया-2 के साथ निर्भया जैसी ही क्रूरता हुई थी। जिसके लिए जिला अदालत और उच्च न्यायालय ने दरिंदों को फांसी की सजा सुनायी थी। लेकिन उच्चतम न्यायालय की बेंच ने इन दरिन्दों को बरी कर दिया है। निर्भया-2 के माता -पिताजी के साथ ही देश की जनता इस फैसले से दुखी है और हतप्रभ भी हैं।
उन्होंने कहा कि निर्भया-2 को न्याय मिल सके और दरिन्दों को फांसी की सजा।  इसके लिए उत्तराखंड लोकमंच दिल्ली की टीम ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है।
उन्होंने कहा कि सभी देशवासियों को पूरी उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय पुनर्विचार याचिका स्वीकार कर निर्भया-2 को  न्याय देने की दिशा में ठोस कार्यवाही करेंगे। श्री मैठाणी ने बताया कि कुछ अन्य संगठनों द्वारा भी इसी तरह की तैयारी की जा रही है।

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