दिल्ली के राज्य आंदोलनकारियों ने भी उठाया उत्तराखंड के भू कानून का मुद्दा
-रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट-
थराली, 28 दिसंबर। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति उत्तराखंड, दिल्ली ने भी राज्य में मूल निवास एवं 1950 के भू- कानून को लागू किए जाने की पैरवी करते हुए चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों को राज्य सरकार में 10 प्रतिशत क्षतिज आरक्षण पुनः बहाल किए जाने एवं आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण की प्रक्रिया तत्काल पूरी किए जाने को लेकर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के द्वारा शहीद स्मारक देहरादून में दिए जा रहे आंदोलन को अपना समर्थन देने का ऐलान किया हैं।
चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्र अध्यक्ष भुपेंद्र सिंह रावत ने यहां जारी एक बयान में कहा कि राज्य में पीढ़ियों से रह रहे नागरिकों को ही मूल निवास प्रमाण पत्र जारी होने चाहिए। कहा कि राज्य में भू- कानून के अभाव में लगातार बहारी राज्य के लोग बड़ी मात्रा में राज्य में आ कर जमीनें बिना रोक-टोक खरीद रहें। राज्य हित में इस पर लगाम लगाया जाना बेहद जरूरी हैं।
उन्होंने मूल निवास एवं भू -कानून के लिए चलाएं जा रहें आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार इस मांग को पूरा नही करती हैं तो 1994 में हुए राज्य आंदोलन की तर्ज पर ही पुनः आंदोलन हो सकता हैं। कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के द्वारा आंदोलनकारियों को 10 क्षतिज आरक्षण, एवं आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण किए जाने की मांग को लेकर शहीद स्थल देहरादून में दिए जा रहे धरने को समिति अपना समर्थन देती, अगर जरूरी हुआ तो समिति भी इस मांग को लेकर आंदोलन की राह पकड़ सकती हैं।